Road Rage Case में नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा

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चंडीगढ़/नई दिल्‍ली। Road Rage Case पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। इससे पहले सुप्रीम ने उनको एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। सिद्धू को जब सुप्रीम कोर्ट सजा सुना रहा था उस समय वह हाथी पर सवार होकर महंगाई के मुद्दे पर पटियाला में प्रदर्शन कर रहे थे।

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नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल के कारावास की सजा सुनाई

सुप्रीम कोर्ट ने रोडवेज (Road Rage Case) के पुराने मामले में पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल के कारावास की सजा सुनाई। पहले कोर्ट ने सिद्धू को सिर्फ 1000 रुपये जुर्माने की सजा देकर छोड़ दिया था।

जब सजा सुनाई जा रही थी उस समय नवजोत सिद्धू महंगाई के खिलाफ पटियाला में प्रदर्शन कर रहे थे

सिद्धू पर 34 साल पहले पटियाला में सड़क पर हुए विवाद में गुरनाम सिंह के साथ मारपीट करने का आरोप है। गुरनाम सिंह की अस्‍पताल में मौत हो गई थी। रोडरेड का यह मामला 27 दिसंबर, 1988 का है। नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला में कार से जाते हुए गुरनाम सिंह नाम के एक बुजुर्ग से भिड़ गए थे।

पटियाला में हाथी पर सवार होकर महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सिद्धू

आरोप है कि गुस्से में नवजोत सिद्धू ने उन्हें मुक्का मार दिया, जिसके बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। पटियाला पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। निचली अदालत ने नवजोत सिंह सिद्धू को सुबूतों के अभाव में 1999 में बरी कर दिया था, लेकिन पीडि़त पक्ष पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया।

साल 2006 में हाई कोर्ट ने सिद्धू को तीन साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले को सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में एक साल जेल की सजा सुनाई है।

2006 में जब हाई कोर्ट ने सिद्धू को तीन साल की सजा सुनाई थी, तब वह भाजपा में थे और अमृतसर से सांसद थे। उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें दोबारा चुनाव लड़ना पड़ा और वह फिर से जीत गए थे।

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