Earthquake in Delhi-NCR : दिल्ली-एनसीआर में भूंकप के झकटे, घरों से बाहर निकले लोग

0
10278

नई दिल्ली। Earthquake in Delhi-NCR : मंगलवार को उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता ज्यादा होने के कारण लोग अपने घरों और ऑफिसों से बाहर निकल आए। बताया जा रहा है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 रही भूकंप के झटके दोपहर दो बजकर 51 मिनट पर महसूस किए गए। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह का अप्रिय समाचार सामने नहीं आया है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस भूकंप का केंद्र नेपाल में था।

Deoria Murder : देवरिया हत्या कांड में जीवित बचे अनमोल से मिलने पहुंचे CM योगी

यह झटके दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद सहित आसपास के शहरों में महसूस किए हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में भी लोगों को भूकंप के झटके (Earthquake in Delhi-NCR) लगे हैं।

रिक्‍टर स्‍केल क्या होता है?

अमेरिकी भू-विज्ञानी चार्ल्‍स एफ रिक्‍टर ने सन 1935 में एक ऐसे उपकरण का इजाद किया, जो पृथ्वी की सतह पर उठने वाली भूकंपीय तरंगों के वेग को माप सकता था। इस उपकरण के जरिए भूकंपीय तरंगों को आंकड़ों में परिवर्तित किया जा सकता है। रिक्‍टर स्‍केल आमतौर पर लॉगरिथम के अनुसार कार्य करता है। इसके अनुसार एक संपूर्ण अंक अपने मूल अर्थ के 10 गुना अर्थ में व्यक्त होता है। रिक्‍टर स्‍केल में 10 अधिकतम वेग को दर्शाता है।

क्यों आता है भूकंप?

धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैनटल को लिथोस्फीयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है।

6th Global Disaster Management : 28 नवंबर से 01 दिसंबर 2023 तक होगा सम्मेलन – CM

LEAVE A REPLY