PM Shri scheme : की पहली किस्त जारी, मोदी बोले- शिक्षा से ही बदलेगा देश का भाग्य

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नई दिल्ली। PM Shri scheme :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भारत मंडप पहुंच हैं। नई शिक्षा नीति-2020 के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन किया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने श्री योजना के तहत स्कूलों के लिए धनराशि की पहली किस्त जारी की।

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पीएम ने कार्यक्रम में शिक्षक और बच्चों को किया संबोधित

पीएम ने कार्यक्रम में शिक्षक और बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 3 साल भी पूरे हो रहे हैं। देश भर के बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और अध्यापकों ने इसे एक मिशन के रूप में लिया और आगे भी बढ़ाया। मैं आज उन सभी का भी धन्यवाद करता हूं, उनका आभार प्रकट करता हूं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं तो वो अपना समय लेते हैं। 3 साल पहले जब हमनें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की थी। तो एक बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र हमारे सामने था, लेकिन आप सभी ने NEP को लागू करने के लिए जो कर्तव्यभाव और समर्पण दिखाया और खुले मन से नए विचारों और प्रयोगों को स्वीकार करने का साहस दिखाया ये वाकई अभिभूत करने वाला एवं नया विश्वास पैदा करने वाला है।

गावं, शहर, अमीर, गरीब हर वर्ग के युवाओं को एक जैसा अवसर मिले : PM

आजादी के अमृत महोत्सव (PM Shri scheme) में आने वाले 25 वर्षों में हमें ऊर्जा से भरी एक युवा पीढ़ी का निर्माण करना है। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए NEP का विजन और देश का प्रयास ये है कि गावं, शहर, अमीर, गरीब हर वर्ग के युवाओं को एक जैसा अवसर मिले।

गुलामी की मानसिकता से मुक्त हो।
नए-नए innovations के लिए लालायित हो।
साइंस से लेकर स्पोर्ट्स तक हर क्षेत्र में भारत का नाम आगे बढ़ाएं।
21वीं सदी के भारत की आवश्यकताओं को समझते हुए अपना सामर्थ्य बढ़ाए।
कर्तव्य बोध से भरी हुई हो, अपने दायित्व को जानती और समझती हो।
शिक्षा के साथ-साथ संसाधनों तक समान पहुंच।
हर बच्चे की समझ और चॉइस के हिसाब से उसे विकल्पों का मिलना।
स्थान, वर्ग, क्षेत्र के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित न रहें।

मात्राभाषा में पढ़ाई शुरू होने से देश को मिला फायदा: पीएम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में traditional knowledge systems से लेकर futuristic technology तक को बराबर अहमियत दी गई है। युवाओं को उनकी प्रतिभा की जगह उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाना सबसे बड़ा अन्याय है। मातृभाषा में पढ़ाई होने से भारत के युवा टेलेंट के साथ अब असली न्याय की शुरुआत होने जा रही है।

पीएम ने कार्यक्रम में शिक्षक और बच्चों को संबोधित करते हुए कहा,”यह शिक्षा ही है जो देश की तकदीर बदलने की ताकत रखती है। देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसे हासिल करने में शिक्षा की अहम भूमिका है…आप इसके प्रतिनिधि हैं।” अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है… विद्या के लिए विमर्श जरूरी होता है, शिक्षा के लिए संवाद जरूरी होता है। मुझे खुशी है कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम के इस सत्र के जरिए हम विमर्श और विचार की अपनी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।”

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