PM Agriculture Irrigation Scheme : को 2021-22 से लेकर 2025-26 तक चालू रखने का निर्णय

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नई दिल्‍ली। PM Agriculture Irrigation Scheme :  केंद्रीय कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को 2021-22 से लेकर 2025-26 तक चालू रखने का निर्णय किया गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसमें 93 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च आएंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड के विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए पीएलआई योजना की भी मंजूरी दी है।

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किसानों के हित में लिए गए फैसले को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सरकार का बड़ा कदम

किसानों के हित में लिए गए फैसले को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सरकार का बड़ा कदम बताया। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PM Agriculture Irrigation Scheme) से देश के 22 लाख किसानों के जीवन में परिवर्तन आएगा और इस योजना में जो और परियोजनाएं जुड़ेंगे उससे लाखों किसानों के जीवन में परिवर्तन आएगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह भी बताया कि देश में रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम यूपीआई के द्वारा डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव दिए जाने की मंजूरी दी गई। इस पर 1300 करोड़ रुपए खर्च होगा।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार मर्चेंट डिस्काउंट रेट (merchant discount rate, MDR) के हिस्से के रूप में व्यापारियों को ग्राहकों द्वारा किए गए डिजिटल भुगतान पर लगाए गए लेनदेन शुल्क की प्रतिपूर्ति करेगी। आने वाले एक साल में सरकार इस पर करीब 1,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी ताकि अधिक से अधिक लोग डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ें। उन्होंने यह भी बताया कि नवंबर में 7.56 लाख करोड़ रुपये के 423 करोड़ डिजिटल लेनदेन हुए।

प्रधानमंत्री ने लिया एक और ऐतिहासिक फैसला

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री ने एक और ऐतिहासिक फैसला लिया है। इससे देश में सेमीकंडक्टर चिप्स का डिजाइन, फैब्रिकेशन, पैकेजिंग, टेस्टिंग और कंप्लीट इको सिस्टम डेवलप हो सके ऐसा फैसला लिया है। जिसके लिए आज 76 हजार करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट का अनुमोदन हुआ है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज भारत के करीब 20 फीसद इंजीनियर्स सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में हैं। इस संख्या को बढ़ाने के लिए 85 हज़ार हाइली क्वालिफाइड, वेल ट्रेंड इंजीनियर के लिए ‘चिप्स टू स्टार्टअप’ प्रोग्राम बनाया गया है। जिसमें बी-टेक, एम-टेक, पीएचडी इंजीनियर्स को तैयार किया जाएगा।

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