MP kangana Ranaut Statement : भाजपा सांसद कंगना रणाैत ने बुधवार को वर्ष 2021 में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने संबंधी अपनी टिप्पणी को लेकर एक्स पर एक पोस्ट में कंगना ने लिखा, ‘किसान कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।’ इसके बाद उन्होंने एक वीडियो संदेश भी जारी किया।
इसमें कंगना ने कहा, ‘बड़ी संवेदनशीलता व सहानुभूति से कृषि कानूनों को पीएम मोदी ने वापस लिया है। हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें। मुझे यह बात भी ध्यान में रखनी होगी कि मैं अब एक कलाकार नहीं, भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरे विचार अपने नहीं होने चाहिए, वो पार्टी का स्टैंड होने चाहिए। अगर मैंने अपने शब्दों व सोच से किसी को नाराज किया है तो मुझे खेद है, मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। ‘
किसान भारत की प्रगति में ताकत का स्तंभ हैं- कंगना
बता दें, मंगलवार को मंडी जिले में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कंगना ने कहा था कि तीन कृषि कानूनों का विरोध केवल कुछ राज्यों में हुआ है। उन्होंने कहा था, ‘किसान भारत की प्रगति में ताकत का स्तंभ हैं। केवल कुछ राज्यों में उन्होंने कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई थी। मैं हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए।’उन्होंने कहा था कि देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है और कृषि कानूनों को बहाल करने से किसानों के लिए बेहतर वित्तीय स्थिरता और विकास सुनिश्चित होगा, जिससे अंततः कृषि क्षेत्र को लाभ होगा।
2021 में मोदी सरकार की ओर से वापस लिया
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह टिप्पणी इस बात का संकेत है कि सत्तारूढ़ पार्टी तीनों कानूनों को वापस लाने के प्रयास कर रही है और कहा कि हरियाणा इसका मुंहतोड़ जवाब देगा। रणाैत की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राजनीतिक दल 5 अक्तूबर को हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहे हैं। हरियाणा में किसानों की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा गया था। खासकर दिल्ली की सीमाओं पर तीन कानूनों को निरस्त करने की मांग की गई थी। कानूनों को अंततः 2021 में मोदी सरकार की ओर से वापस ले लिया गया था। अब कंगना ने अपने बयान पर खेद जताया है।
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