DeepFake : Deepfakes के गलत इस्तेमाल पर सरकार सख्त

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नई दिल्ली। DeepFake : बीते गुरुवार को केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ एक बैठक की थी। इस दौरान डीप फेक मुद्दे पर गंभीर रूप से विचार विमर्श किया गया है। वहीं आज इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि हमने इंटरनेट से जुड़ें सभी प्लेटफॉर्म और इंटरनेट मीडिएटर्स के साथ एक बहुत लंबी बैठक की और उनके साथ डीप फेक का मुद्दा उठाया है। मैं उन्हें याद दिलाया कि अक्टूबर 2022 से ही भारत सरकार उन्हें गलत सूचना और डीप फेक के खतरे के प्रति सचेत कर रही है, जो गलत सूचना का हिस्सा है।

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जरूरी है भविष्य की तैयारी

सभी मीडिएटर्स इस बात पर सहमत हुए कि आईटी अधिनियम के तहत मौजूदा आईटी नियम डीप फेक (DeepFake) से निपटने के लिए उनकी ओर से पर्याप्त अनुपालन आवश्यकताओं का प्रावधान करते हैं।

यह देखते हुए कि हमारा आईटी अधिनियम 23 वर्ष पुराना है, हम भविष्य के नियमों और भविष्य के कानून के बारे में बात कर रहे हैं, जो निश्चित रूप से आवश्यक है।

मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहा है कि वो सलाह और निर्देश के साथ इसका पालन करें ।
सभी प्लेटफार्मों को भारतीय इंटरनेट पर निषिद्ध बारह क्षेत्रों के हिसाब से अपने यूजर्स के साथ अपनी उपयोग की शर्तों को ठीक करना होगा और बदलना होगा।

इसके लिए प्लेटफॉर्म को सात दिनों का समय दिया गया, ताकि यूजर्स को एक सुरक्षित स्पेस मिल सके।

सोशल मीडिया पर FIR कर सकेंगे यूजर्स

राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि अगर यूजर्स को डीपफेक जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा तो वे उन प्लेटफॉर्म पर FIR कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार आईटी नियमों के उल्लंघन के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में नागरिकों की सहायता करेगी।

आईटी मंत्रालय ने एर प्लेटफॉर्म विकसित करने की योजना बनाई है, जिस पर यूजर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों द्वारा आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में सूचना दे सकते हैं।

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