भारत में लोग खुशकिस्मत है क्यूंकि कोरोना की दो दो स्वदेशी वैक्सीन तब मौजूद है जब देश में पहली लहर का कहर थम चूका था। आपको बता दे की देश में 16 जनवरी से वक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी तब शुरआती रफ्तार धीमी थी लेकिन कुछ समय बाद ठीक लगने लगी थी क्यूंकि दूसरे लहर के खौफ ने लोगो को वैक्सीन लग आने में मजबूर कर दिया। अगर ब्रिटैन की बात करे तो पिछले साल दिसंबर में दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा था लेकिन वैक्सीन लगाने से कोरोना थम सा गया। आपको बता दे की भारत ने अगस्त 2021 तक 35 करोड़ लोगो को वैक्सीन लगाने का रोडमैप त्यार किया हुआ है। यही नहीं 10 अप्रैल को भारत सब से तेज 10 करोड़ खुराक देने वाला देश बन गया। हमारा देश करीब रोज 40 लाख वैक्सीन खुराक दे रहा है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है इसी रफ्तार से मई 2022 तक 60 प्रतिशत लोगो का वक्सीनेशन संभव है जो सामूहिक रोग प्रतिरोध के लिए जरुरी है। मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार जो लोग वायरस से संक्रमित होने के करीब है अगर वो लोग वक्सीनेशन करा ले तो उनको अगर कोरोना हुआ भी तो अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत कम हो जाती है।
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Kumaun University: एसएसजे के एमएड के विद्यार्थियों ने किया नुक्कड़ नाटक
अल्मोड़ा:- कुमाऊं विश्वविद्यालय (Kumaun University) के एसएसजे परिसर में एमएड तृतीय सेमेस्टर की दस दिवसीय कार्यशाला के आयोजन के दौरान सफाई अभियान चला जागरुकता...