2020 vs 2021
पिछले साल यानी 2020 की बात करे तो कोरोना ने जब भारत में दस्तक दिया तब हमारा देश किसी उपकरणों से त्यार नहीं था भारत के पास पर्याप्त मात्रा में PPE किट नहीं थी ना ही टेस्टिंग किट थी, वैक्सीन नहीं थी वेंटीलेटर की कमी थी किस तरह कोरोना से निपटा जाये उसका कोई रोडमैप नहीं था। लेकिन वर्ष 2021 आते आते भारत के पास पर्याप्त मात्रा में PPE किट है वैक्सीन है वेंटीलेटर की मात्रा में भी बड़े पैमाने में इजाफा हुआ है, टेस्टिंग किट है और रही बात रेमडिसिविर इंजेक्शन की तो उसका भी प्रोडक्शन बढ़ाने के कम्पनियो को आदेश दे दिए हैं। आपको बता दे की अगर आज की बात करे तो भारत PPE किट बनाने में अव्वल है टेस्टिंग किट की कोई दिक्क्त नहीं हैं। दो दो स्वदेशी वैक्सीन है और कोरोना से लड़ने का प्रोटोकॉल त्यार है। एक साल के अंदर मेडिकल फैसिलिटी में बहुत सुधार आया है। लेकिन दूसरे वैरिएंट से लोगो ने कोई सबक नहीं लिया ? क्या सिर्फ सरकार ही जिम्मेदार है खुद की कोई जिम्मेदारी नहीं है। यह एक तूफ़ान है जितना जल्दी आया है उतना जल्दी चला जायेगा लेकिन इस वायरस से लोगो को बचना होगा सेल्फ आइसोलेशन करना होगा। यह तूफ़ान अपने आप निकल जाएगा। लोगो से निवेदन है की कृपया इस वायरस से बचे घर पर रहे। अतिआवश्यक नहीं निकले। पहले से अभी तक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ लेकिन दूसरे स्ट्रेन ने लोगो की कमर तोड़ कर रख दी है ऐसे में इससे बचने में फायदा है।