Modi Surname Case : राहुल गांधी को अधिकतम सजा क्यों दी गई?

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नई दिल्ली। Modi Surname Case : शुक्रवार को मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस शुरू की। सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि उन्हें सजा पर रोक के लिए आज एक असाधारण मामला बनाना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने इस बीच कहा कि वे जानना चाहता है कि राहुल को अधिकतम सजा क्यों दी गई। कोर्ट ने कहा कि अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी अयोग्य नहीं ठहराए जाते।

कोर्ट की टिप्पणी पर महेश जेठमलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले राहुल गांधी को आगाह किया था जब उन्होंने कहा था कि राफेल मामले में शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि उनके आचरण में कोई बदलाव नहीं आया है।

सिंघवी ने दी ये दलील

‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी मामले (Modi Surname Case) में राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई दलीलें दी। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम ‘मोदी’ नहीं है और उन्होंने बाद में यह उपनाम अपनाया।

कोर्ट में अब तक दी गई दलीलें

सिंघवी- मानहानि केस की अधिकतम सजा दे दी गई। इसका नतीजा यह होगा कि 8 साल तक जनप्रतिनिधि नहीं बन सकेंगे।

पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने राहुल का बयान पढ़ा- सारे चोरों के नाम मोदी क्यों होते हैं? और ढूंढोगे तो और मोदी चोर निकल आएंगे।

जेठमलानी ने कहा कि क्या यह एक पूरे वर्ग का अपमान नहीं है? पीएम मोदी से राजनीतिक लड़ाई के चलते मोदी नाम वाले सभी लोगों को बदनाम कर रहे हैं।

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