नई दिल्ली। Indian Air Force : सीमा पर तनाव के बीच, भारतीय वायु सेना को अपने लड़ाकू जेट बेड़े को मजबूती मिली है। फ्रांस से दो सेकेंड हैंड मिराज 2000 लड़ाकू विमान वायु सेना को मिले हैं, जिन्हें ग्वालियर एयरबेस पर पहुंचाया गया है। केंद्र के सूत्रों ने एएनआइ को बताया, ‘भारतीय वायुसेना को फ्रांस से दो मिराज 2000 ट्रेनर वर्जन विमान मिले हैं। दोनों विमान अपनी वायु सेना के साथ उड़ान भर रहे थे और हाल ही में ग्वालियर एयरबेस पर पहुंचे।’
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अपग्रेड प्रोग्राम के तहत विमान को अब नवीनतम मानकों पर अपग्रेड किया जाएगा
मिराज लड़ाकू बेड़े में लगभग 50 विमानों की संख्या बनाने के कार्यक्रम के तहत भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) द्वारा दो विमानों का अधिग्रहण किया गया है।
IAF ने विभिन्न बैचों में लगभग 51 मिराज का अधिग्रहण किया
IAF ने विभिन्न बैचों में लगभग 51 मिराज का अधिग्रहण किया है और उनसे तीन स्क्वाड्रन बने हैं जो सभी ग्वालियर वायु सेना स्टेशन में स्थित हैं। सूत्रों ने कहा कि फ्रांस और भारतीय पक्षों के बीच मिराज अपग्रेड डील 51 विमानों की क्षमता बढ़ाने के लिए थी और इनमें से कुछ किट इन विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण बची हैं।
सूत्रों ने कहा कि इन दो फ्रांसीसी वायु सेना के विमानों पर एक ही किट लगाई जा सकती है और उन्हें लड़ाकू अभियानों के लिए उपयुक्त बनाया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने पुराने फ्रांसीसी विमानों के रूप में मिराज के लिए पुर्जों को खोजने में बहुत चालाकी से निवेश किया है और इससे वायु सेना को 2035 तक उन्हें बनाए रखने में मदद मिलेगी।
मिराज 1980 के दशक से सेवा में हैं और कारगिल युद्ध से लेकर 2019 बालाकोट हवाई हमले तक एक मुख्य हथियार रहा है, जहां उसके द्वारा पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी शिविर पर बमबारी की थी। मिराज ने कारगिल युद्ध में टाइगर हिलटाप पर पाकिस्तानी सेना के शिविरों और बंकरों को भी सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया था और लेजर-निर्देशित बमों का उपयोग करके इतनी ऊंचाई पर दुश्मन के शिविरों को सफलतापूर्वक मारकर युद्ध का चेहरा बदल दिया।
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