नई दिल्ली। Shinzo Abe Funeral: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) का मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान जापानी और विदेशी नेता मौजूद रहे। आबे की अस्थियों को उनकी पत्नी अकी (Akie Abe) द्वारा टोक्यो में निप्पान बुडोकन स्थल (Nippon Budokan venue) पर ले जाया गया।
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अंतिम संस्कार के विरोध में प्रदर्शन
आबे के अंतिम संस्कार के महंगे होने के विरोध में लोगों ने बुडोकन स्थल के पास प्रदर्शन किया। इस बीच, एक व्यक्ति ने खुद को आग लगा लिया। निप्पान बुडोकन स्थल के पास सुरक्षा में करीब 20 हजार पुलिसकर्मियों को लगाया गया, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को होने से रोका जा सके।
अंतिम संस्कार में खर्च किए गए 12 मिलियन डालर
शिंजो आबे के लिए राजकीय अंतिम संस्कार (Shinzo Abe Funeral) की लागत 1.7 बिलियन येन यानी लगभग 12 मिलियन डालर (97 करोड़ 92 लाख 30 हजार रुपये) हो आकी गई है। यह रकम इतनी ज्यादा है, इसने जापान में कई लोगों को नाराज कर दिया है। जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे आबे की 8 जुलाई को चुनाव प्रचार के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनका अंतिम संस्कार 12 जुलाई को किया गया। आबे को आर्थिक ठहराव और जापान में स्थिरता लाने का श्रेय दिया जाता है।
पीएम मोदी ने आबे को दी श्रद्धांजलि
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी टोक्यो के निप्पान बुडोकन में राजकीय अंतिम संस्कार के दौरान जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को श्रद्धांजलि दी। वे सोमवार की रात जापान के लिए रवाना हुए थे। पीएम मोदी आबे को अपना प्रिय मित्र और चैंपियन मानते थे।
कमला हैरिस समेत 700 विदेशी नेता अंतिम संस्कार में शामिल
आबे के अंतिम संस्कार में 700 से अधिक विदेशी नेता शामिल हुए। इसमें अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, जार्डन के किंग अब्दुल्लाह द्वितीय, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज, दक्षिण कोरिया और चीन का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल है।
आबे का जीवन परिचय
आबे का जन्म 21 सितंबर 1954 को टोक्यो में हुआ था। वे जापान के पूर्व विदेश मंत्री शिंटारो आबे के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री नोबुसुके किशी के पोते हैं। उन्होंने 1997 में टोक्यो में सेईकी विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान की डिग्री हासिल की। 1979 में उन्होंने कोबे स्टील में काम करना शुरू किया।
2006 में पहली बार बने प्रधानमंत्री
आबे 1993 में यामागुची के लिए एलडीपी सांसद के रूप में चुने गए। 2005 में उन्हें मुख्य कैबिनेट सचिव बनाया गया और 2006 में वे पहली बार जापान के प्रधानमंत्री बने। हालांकि, आबे ने 2007 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
2012 में दूसरी बार बने प्रधानमंत्री
इसके बाद 2012 में एलडीपी अध्यक्ष के रूप में फिर से चुने जाने के बाद वे जापान के दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। 2014-2020 तक कुल चार बार के कार्यकाल के लिए वे प्रधानमंत्री बने रहे। 20 अगस्त 2020 को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
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