इस्लामाबाद। Imran Khan no-confidence motion: विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की काट के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) नित नई रणनीतियां बना रहे हैं लेकिन सरकार पर गहराया संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक और सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) की समर्थन वापसी से चुनौतियां बेहद बढ़ गई हैं। इसके साथ ही इमरान खान ने पैंतरा बदलते हुए अविश्वास प्रस्ताव को ‘बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश करार दिया।
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Imran Khan no-confidence motion update:
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf, PTI) के नेशनल असेंबली के सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव पर 31 मार्च को मतदान से दूर रहने या सत्र में भाग नहीं लेने का निर्देश दिया है। पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पीटीआई के नेशनल असेंबली (National Assembly, MNAs) के सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव में भाग नहीं लेने की चेतावनी दी गई है।
पीटीआई एमएनए को लिखे एक पत्र में इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) ने कहा कि नेशनल असेंबली में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf, PTI) के सभी सदस्य मतदान से दूर रहेंगे। पीएम इमरान खान ने पार्टी सांसदों को चेतावनी दी कि निर्देशों का उल्लंघन अनुच्छेद 63 (ए) के संदर्भ में ‘दलबदल’ के रूप में माना जाएगा। पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि नामित पीटीआई सदस्य ही अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान बोलेंगे।
समाचार एजेंसी आइएएनएस ने पाकिस्तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रब्यून’ की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि इमरान खान ने बुधवार को कहा कि वह एक प्रत्र को सार्वजनिक करेंगे, जिसमें ‘गंभीर परिणाम’ भुगतने की चेतावनी दी गई थी। यह टिप्पणी उन्होंने इस्लामाबाद में ई-पासपोर्ट सुविधा के शुभारंभ के मौके पर एक समारोह के दौरान की। इमरान ने अविश्वास प्रस्ताव को अंतरराष्ट्रीय साजिश करार देते हुए कहा कि उनको सत्ता में बने रहने पर ‘गंभीर नतीजे’ भुगतने की चेतावनी दी गई थी।
इमरान खान ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव संसदीय लोकतंत्र में एक लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन विपक्ष का मौजूदा प्रस्ताव विदेशी ताकतों की ओर से वित्त पोषित था। विदेशी शक्तियां पाकिस्तानी आवाम की भलाई के लिए काम करने वाले नेतृत्व को कभी भी स्वीकार नहीं कर सकती हैं। इमरान ने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने विदेशी ताकतों के लिए अपने हितों को कुर्बान किया। हालांकि विपक्ष ने इमरान के दावों को खारिज कर दिया है।
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