Uttarakhand Assembly Session: अनिश्चितकाल के लिए हो सकता है सत्र संपन्न

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Uttarakhand Assembly Session: 14 जून से शुरू हुआ उत्तराखंड विधानसभा सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए संपन्न हो सकता है। विधानसभा के सदन पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट आएगी। इसके अलावा कैग रिपोर्ट भी आएगी। विभागवार अनुदान मांगों को स्वीकृति मिलने के साथ विनियोग विधेयक भी पारित होगा।

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शुक्रवार आज विधानसभा सत्र का चौथा दिन है। 14 जून से शुरू हुआ सत्र 20 जून तक आयोजित किया जाना तय था, लेकिन आज ही अनिश्चितकाल के लिए सत्र संपन्न हो सकता है। वहीं विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को जिला विकास प्राधिकरणों को समाप्त करने की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन में खूब हंगामा किया।

विपक्षी विधायकों और सुरक्षा में तैनात मार्शलों के बीच जमकर धक्का-मुक्की

कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में बैठ गए। जिससे सदन की कार्यवाही 15 मिनट स्थगित करनी पड़ी। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी विपक्ष ने विरोध जारी रखा। नाराज विपक्षी सदस्यों ने बजट की प्रतियां फाड़ीं और पर्चे पीठ की ओर फेंके। इस दौरान विपक्षी विधायकों और सुरक्षा में तैनात मार्शलों के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। हंगामे के बीच ही नौ विभागों का बजट बिना चर्चा के मिनटों में पास हो गया।

सदन की कार्यवाही 15 मिनट स्थगित

विधानसभा सत्र (Uttarakhand Assembly Session) के दौरान सदन में विपक्ष न सिर्फ एकजुट नजर आया। बल्कि कई मोर्चों पर सरकार को घेरने में कामयाब भी रहा। विपक्ष ने सदन में कई ऐसे मुद्दे उठाए, जिससे सत्तापक्ष असहज नजर आया। बजट सत्र के तीसरे दिन जिला विकास प्राधिकरणों को समाप्त करने की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन में खूब हंगामा किया। कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में बैठ गए। जिससे सदन की कार्यवाही 15 मिनट स्थगित करनी पड़ी।

बजट की प्रतियां फाड़ीं

दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी विपक्ष ने विरोध जारी रखा। नाराज विपक्षी सदस्यों ने बजट की प्रतियां फाड़ीं और पर्चे पीठ की ओर फेंके। इस दौरान विपक्षी विधायकों और सुरक्षा में तैनात मार्शलों के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। हंगामे के बीच ही नौ विभागों का बजट बिना चर्चा के मिनटों में पास हो गया। बृहस्पतिवार को विपक्ष ने सुबह सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही नियम 310 के तहत जिला विकास प्राधिकरणों के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग उठाई। शोर शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने इसे नियम-58 में स्वीकार किया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत कांग्रेस विधायकों ने प्राधिकरणों पर सरकार की ओर से स्पष्ट जवाब न मिलने पर हंगामा किया।

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