देहरादून: Monsoon in Uttarakhand उत्तराखंड में मानसून दस्तक दे चुका है। इसके साथ प्रदेश में वर्षा का क्रम भी तेज होने लगा है। लेकिन, जून में प्रदेश में सामान्य से 30 प्रतिशत कम वर्षा हुई। आमतौर पर हर वर्ष जून में औसतन 177 मिलीमीटर वर्षा होती है, मगर इस वर्ष यह आंकड़ा 126 मिलीमीटर पर ही सिमट गया। हालांकि, इस दौरान बागेश्वर और चमोली में मेघ सामान्य से अधिक बरसे। अब जुलाई में राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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प्री-मानसून भी बेहद कम बरसा
इस वर्ष ग्रीष्मकाल (Monsoon in Uttarakhand) में मार्च से ही वर्षा का क्रम बेहद धीमा रहा। लगातार तीन महीने (मार्च, अप्रैल और मई) सामान्य से कम वर्षा हुई। यही वजह रही कि प्रदेशवासियों को इस बार भीषण गर्मी झेलनी पड़ी। एक जून से मानसून सीजन शुरू होने के बाद भी वर्षा में कमी बनी रही। प्री-मानसून भी बेहद कम बरसा। अब जाकर जून के अंतिम सप्ताह में वर्षा के क्रम में कुछ तेजी आई। 26 जून तक प्रदेश में सामान्य से 60 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई थी और जून के अंतिम सप्ताह में हुई वर्षा से 30 जून को यह आंकड़ा 30 प्रतिशत पर पहुंच गया। इस माह बागेश्वर में सर्वाधिक और हरिद्वार में सबसे कम वर्षा हुई है।
यह है कम वर्षा की वजह
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, देशभर में जून में थंडरस्ट्राम धीमा रहा। इसके अलावा चक्रवाती परिसंचरण में आई कमी का असर भी वर्षा पर पड़ा। दक्षिणी पंजाब की ओर से ट्रफ लाइन (जमीन पर बना कम दबाव का क्षेत्र, जो एक रेखा में दूर तक फैला हुआ हो) उत्तर की ओर धीमी गति से आगे बढ़ी। साथ ही दक्षिण-पश्चिमी हवाओं का रुख भी पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में ही ठहरा रहा। इन्हीं वजहों से जून में कम वर्षा दर्ज की गई।
जून में जिलेवार वर्षा का लेखा-जोखा
जिला, वास्तविक वर्षा, सामान्य वर्षा, अंतर
बागेश्वर, 340, 146, 132
चमोली, 168, 105, 60
पिथौरागढ़, 200, 249, -20
रुद्रप्रयाग, 172, 220, -22
ऊधमसिंह नगर, 133, 175, -24
टिहरी, 97, 130, -25
चम्पावत, 121, 212, -43
अल्मोड़ा, 71, 146, -52
नैनीताल, 119, 266, -55
उत्तरकाशी, 72, 177, -59
देहरादून, 76, 193, -61
पौड़ी, 57, 151, -63
हरिद्वार, 41, 134, -70
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