AIIMS के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर बड़ी भयानक रूप ले सकती है। एम्स के मुताबिक कोविड सुरक्षा नियमों को लेकर सिर्फ लापरवाही ही डेल्टा प्लस वैरिएंट की तीसरी लहर का कारण बन सकती है। ऐसे में केवल वैक्सीनेशन और कोविड सुरक्षा नियमों का पालन से स्वयं को सुरक्षित रखा जा सकता है। आपक बता दें की शनिवार को बीजेपी कार्यलय में विधायक मंडल की बैठक में उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री का नाम पर मुहर लगने के बाद ख़ुशी का माहौल था लेकिन इस दौरान लोगों ने शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया। मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर कहीं मंत्री मौजूद थे लेकिन किसी ने भी इस बारे नहीं सोचा अगर ऐसे में कोरोना संक्रमण ने भयानक रूप ले लिए तो इसका कौन जिम्मेदार होगा। वहां लोगो को एक महीना पहले का काला दृश्य याद नहीं आया।
केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार भी बार-बार याद दिला रही है की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे लेकिन यहाँ तो नजारा कुछ और ही था अब ऐसी स्थिति में इसका कौन जिम्मेदार होगा ?
हालांकि राज्य सरकार के बनाये गए कड़े नियम के वजह से ही प्रदेश में संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 95.57 फीसदी पहुंच गया है जो की पहले से बहुत बेहतर है।
एम्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीप ज्योति कलिता ने बताया कि कोरोना एक आरएनए वायरस है। बता दें की आरएनए वायरस की पहचान है कि यह बार-बार परिवर्तित होकर अपना रूप बदलता है। आपको बताते हैं की आरएनए वायरस करता क्या है, आरएनए वायरस जातियों द्वारा मानवों में उत्पन्न रोगों में इबोला वायरस रोग, सार्स, रेबीज़, ज़ुकाम, इनफ़्लुएंज़ा, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस ई, पोलियो, खसरा और वूहान कोरोनावायरस रोग शामिल हैं। जो की आने वाले समय में बेहद नुकसान दायक साबित हो सकता है।