आप प्रदेश प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए बताया कि अपनी जान हथेली में रखकर कोरोना महामारी में काम करने वाले सफाई कर्मचारी हों या उपनल के माध्यम से लगे कर्मचारी । ये सभी जीन जान लगाते हुए दूसरे मरीजों की निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं। रोजाना 18 – 20 घंटे काम करने के बावजूद भी सफाई कर्मचारियों को सरकार ना तो अच्छे मास्क उपलब्ध करवा पा रही है और ना ही अच्छी क्वालिटी के दस्ताने। उन्होंने कहा कि ,इसके बावजूद भी ये सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी सौ प्रतिशत निभा रहे हैं।
उमा सिसोदिया ने कहा कि इन सफाई कर्मचारियों और कर्मचारियों को संक्रमण का ज्यादा खतरा है, लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। ऐसी महामारी में जब अपने भी अपनों का साथ छोड रहे हैं ,तो ये ही कर्मचारी हैं जो अस्पतालों में देवदूत बनकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि, बमुश्किल 8-9 हजार की तनख्वाह पाने वाले इन कर्मचारियों को पिछले फरवरी से तनख्वाह भी नहीं मिली हैँ ,जिससे इनके घर की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से डगमगा चुकी है। बच्चों की स्कूल फीस और घर का खर्चा चलाने के लिए ये कर्मचारी अब कर्ज के मुहाने पर खडे हैं।
उमा सिसोदिया ने कहा कि ऐसे ही हालात रोडवेज कर्मचारियों के भी हैं,जिन्हें उपनलकर्मियों की तरह ही ,दिसंबर माह से वेतन नहीं मिला है, जबकि ये लोग भी कोरोना योद्धा के रूप में लगातार काम कर रहें हैं। उमा सिसोदिया ने आगे कहा कि प्रेदश के स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट, लैब टैक्निशियन, और ए एन एम के कईं पद खाली पडे हैं। जिन्हें सरकार भरने में अभी भी नाकाम साबित हुई है। जिसका अतिरिक्त बोझ इन कर्मचारियों पर पड रहा है, जो बिना वेतान के हर दिन 18 से 20 घंटे कडी मेहनत करते हुए अपनी जान को जोखिम में डालते हैं।