नई दिल्ली। Union Education Minister: केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक स्कूली शिक्षा के लिए समग्र शिक्षा योजना को जारी रखने की मंजूरी दी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसका अनुदान भी बढ़ाया जा रहा है। पिछड़े इलाकों में इसे 12वीं तक किया जाएगा। रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण जो बच्चियों के लिए सेल्फ डिफेंस की एक पहल है। इसके लिए 3 महीने के प्रशिक्षण में 3000 रुपये खर्च किया जाता था इसे 5000 रुपये तक बढ़ाया जाएगा। पहली बार सरकार ने समग्र शिक्षा योजना के भीतर बाल सुरक्षा को जोड़ा है। बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए आयोग बनाने के लिए राज्यों को सहायता दी जाएगी।
Road safety committee: के साथ मुख्य सचिव ने की बैठक
कक्षा 9-12 में कौशल पर रखा जाएगा ध्यान
उन्होंने कहा कि कक्षा 6 से 8 तक व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। कक्षा 9-12 में कौशल पर ध्यान रखा जाएगा। स्कूलों में अधिक आधुनिक कौशल के साथ-साथ कोडिंग, संवर्धित और आभासी वास्तविकता आदि को औपचारिक रूप देने के लिए वार्ता आयोजित की जाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं समग्र शिक्षा 2.0 के अन्तर्गत प्ले स्कूल एवं आंगनबाड़ी का औपचारीकरण किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में प्ले स्कूल भी होंगे। शिक्षकों को उसी के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा।
समग्र शिक्षा योजना को 2026 तक बढ़ाया गया
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि स्कूली शिक्षा समाज के सभी वर्गों तक समान रूप में पहुंच सके और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो, इस उद्देश्य से 2018 में समग्र शिक्षा योजना लागू की गई थी। अब इसे 1 अप्रैल 2021 से बढ़ाकर मार्च 2026 तक किया जाएगा। इसमें कुल 2,94,283 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान होगा। इसमे केंद्र की हिस्सेदारी 1,85,398 करोड़ रुपये होगी। ये योजना सरकारी और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त 11.6 लाख स्कूल, 15.6 करोड़ छात्र और 57 लाख शिक्षकों को कवर करेगी।
फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट को जारी रखने की मंजूरी
उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के मामलों में महिलाओं, नाबालिग लड़कियों को जल्द न्याय मिल सके इसके लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट को लेकर इस योजना को जारी रखने की मंजूरी दी गई है। लगभग 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट चलते रहेंगे। इसमें 389 पॉस्को कोर्ट हैं। इसपर कुल खर्च 1572.86 करोड़ होगा। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा लगभग 971.70 करोड़ होगा और 601.16 करोड़ शेयर राज्य सरकारों का होगा।