नई दिल्ली। Swami Vivekananda Jayanti: युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत स्वामी विवेकानंद जी की आज जयंती है। विवेकानंद जी ज्ञान और उत्साह का वो अथाह सागर हैं, जिसमें हर युवा विश्वास के गोते लगाकर, उन्हें अपना आदर्श मानता है। इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी सराहना करते हुए कहा कि उनका जीवन राष्ट्रीय उत्थान के लिए सदैव समर्पित रहा।
MLA Naresh Saini: और हरिओम यादव भाजपा में शामिल, सपा और कांग्रेस को झटका
पीएम मोदी ने ट्वीट कर किया नमन
स्वामी विवेकानंद के सकारात्मक विचारों ने हमेशा युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। इसलिए उनका जन्मदिन हर वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की और साथ ही साथ उनके व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए, उन्हें नमन किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘उन्होंने कई युवाओं को राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया है। आइए हम देश के लिए उनके सपनों को पूरा करने के लिए मिलकर काम करते रहें।’
गृह मंत्री अमित शाह ने याद किए विवेकानंद के प्रेरणादायी विचार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वामी विवेकानंद की जयंती (Swami Vivekananda Jayanti) पर उन्हें याद करते हुए उनके प्रेरणादायी विचारों की बात कही। उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्वामी विवेकानंद का भारतीय संस्कृति के मूल्यों के प्रति रुझान युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने ट्विट कर लिखा, ‘प्रत्येक भारतीय के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति के मूल्यों से समृद्ध किया और अपने प्रेरक विचारों से युवाओं में राष्ट्र निर्माण के लिए एक नई चेतना जगाई।’ केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर समस्त देशवासियों को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं दी।
हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है आज का दिन
स्वामी विवेकानंद ज्ञान का भंडार थे। 25 साल की युवावस्था में उन्होंने संसार की मोह माया को त्याग कर अध्यात्म और हिंदुत्व से गहरा लगाव कर लिया था। भारत के आध्यात्मिक और बुद्धिजीवी गुरु स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी को कोलकाता में हुआ था। धर्म और देश की संस्कृति से स्वामी विवेकानंद इस कदर जुड़े हुए थे कि उन्होंने इसका परचम विदेशों में भी जाकर लहराया। आपको बता दें कि 11 सितंबर 1983 में अमेरिका में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें भारत की ओर से स्वामी विवेकानंद सम्मिलित होने पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘भाइयों और बहनों’ यह वह पल था जब उनके भाषण पर दो मिनट तक पूरा हाल तालियों से गूंजता रहा। आज भी भारत के इतिहास में यह दिन गर्व और सम्मान की घटना के तौर पर याद किया जाता है।
PM Modi Security Breach update: पूर्व जज इंदू मल्होत्रा के नेतृत्व में समिति करेगी जांच