Rameshwaram Cafe Blast : शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को बंगलूरू के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी। एजेंसी ने साजिश के मास्टरमाइंड समेत दो आरोपियों मुसाविर हुसैन शाजिब और अदबुल मथीन अहमद ताहा को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों यहां अपना ठिकाना बनाकर छिपे हुए थे। ठिकाने का पता लगाकर एनआईए की टीम ने उन्हें पकड़ लिया।
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दोनों आरोपियों की क्या थी भूमिका?
मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि शाजिब ही वह व्यक्ति है, जिसने कैफे में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) रखा था। इसके अलावा ताहा विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने का मास्टरमाइंड था।
एक अधिकारी ने बताया कि 12 अप्रैल की सुबह फरार आरोपियों अब्दुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजेब को कोलकाता के पास देखा गया। यहां वे झूठी पहचान के तहत छिपे हुए थे। एनआईए को केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अलावा पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल पुलिस का पूरा साथ मिला। राज्य पुलिस एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल से आरोपियों को पकड़ा जा सका।
10-10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी
एनआईए ने पिछले महीने इन दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 10-10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। इससे पहले एक मार्च को बंगलूरू के ब्रुकफील्ड के आईटीपीएल रोड पर स्थित कैफे में एक आईईडी विस्फोट हुआ था। एनआईए ने तीन मार्च को जांच अपने हाथ में ली थी।
बंगाल के राज्यपाल ने कही यह बात (Rameshwaram Cafe Blast)
मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि कानून के हाथ लंबे होते हैं। कोई उससे बच नहीं सकता। अपराधी पकड़े गए हैं। यह ऐसी बात है जो लोकतंत्र में विश्वास करने वालों के लिए उत्साहजनक होनी चाहिए। भारत एक महान देश है और बंगाल उसका एक जानामाना अंग है। यदि कोई अपराधी भारत में कहीं भी छिपने की कोशिश करता है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा, यही सबक है।
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