नई दिल्ली। Nupur Sharma Controversy: निलंबित भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा मामले (Nupur Sharma) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई की गई। इस सुनवाई की निंदा करते हुए पूर्व जजों और ब्यूरोक्रैट ने मंगलवार को कहा कि कोर्ट ने ‘लक्ष्मण रेखा’ पार कर दी। साथ ही इन्होंने कोर्ट द्वारा की गई सुनवाई में तत्काल सुधार की मांग की है। इसके लिए इन्होंने चीफ जस्टिस एन वी रमना को खुला पत्र (Open Letter) भी लिखा है।
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1 जुलाई को नुपुर शर्मा पर भड़का था सुप्रीम कोर्ट
पैगंबर मोहम्मद को लेकर नुपुर शर्मा के विवादित (Nupur Sharma Controversy) बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने 1 जुलाई को कहा था कि शर्मा की इस हरकत से देश भर में हंगामा शुरू हो गया है। उन्होंने देश को खतरे में डाल दिया। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि देश में जो भी हो रहा है उसके लिए इकलौती जिम्मेवार नुपुर शर्मा हैं।
पत्र पर हैं इन सबके हस्ताक्षर
नुपुर शर्मा मामले को लेकर अब CJI एनवी रमना (NV Ramana) को एक खुला पत्र भेजा गया है। इस पत्र पर 15 रिटायर जजों, 77 रिटायर ब्यूरोक्रैट और सेना के 25 रिटायर अधिकारियों ने हस्ताक्षर किया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में नुपुर शर्मा मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस सूर्यकांत और जेबी पारदीवाला के खिलाफ चीफ जस्टिस रमना को यह पत्र भेजा गया है।
सोशल मीडिया पर भी हुई सुप्रीम कोर्ट की निंदा
निलंबित भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट में की गई सुनवाई को लेकर सोशल मीडिया पर भी जजों को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। मामले की सुनवाई करने वाले दो जजों की बेंच में से जेपी पारदीवाला ने सोशल मीडिया के विनियमन (Regulation) पर जोर दिया है।
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