बेंगलुरु। MUDA Land Scam कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को MUDA लैंड स्कैम मामले में हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने मामले पर गवर्नर के आदेश के खिलाफ दायर की गई उनकी याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिका में बताए गए तथ्यों को जांच करने की जरूरत है।
सीएम सिद्धरमैया ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा अपने खिलाफ केस चलाने के आदेश को चुनौती दी है। यह केस मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण जमीन स्कैम से जुड़ा हुआ है।
क्या राहुल गांधी ‘भ्रष्टाचार की दुकान’ पर कार्रवाई करेंगे: भाजपा
हाईकोर्ट के फैसले पर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,”कांग्रेस पार्टी को कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के बाद हमें बताना चाहिए कि क्या मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का पद पर बने रहना उचित है? सिद्धारमैया को पद छोड़ देना चाहिए।
MUDA घोटाले में 5000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि उन्होंने ( मुख्यमंत्री सिद्धारमैया) अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के लोगों के लिए निर्धारित भूमि को लूट लिया। MUDA घोटाले में 5000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया। सिद्धारमैया के परिवार और मित्रों को लाभ हुआ। कांग्रेस पार्टी को अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के लोगों की कोई परवाह नहीं है। क्या राहुल गांधी ‘भ्रष्टाचार की दुकान’ पर कार्रवाई करेंगे”
क्या है एमयूडीए?
बता दें कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA), कर्नाटक की राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है। इस एजेंसी का काम लोगों को किफायती कीमत पर आवास उपलब्ध कराना है। मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी।
50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50 प्रतिशत के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। हालांकि, 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया था।
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