Land for job CBI case : नौकरी के बदले जमीन मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल, सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। गृह मंत्रालय ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। 30 से ज्यादा आरोपी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी का इंतजार है। सीबीआई ने अन्य आरोपियों के खिलाफ मंजूरी हासिल करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा है।
Dengue cases : उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले; ऋषिकेश में एक की मौत
ईडी मामले में किया जा चुका समन
इससे पहले ईडी की जांच के सिलसिले में लालू प्रसाद यादव, तेज प्रताप और तेजस्वी यादव को कोर्ट ने तलब किया था। घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अन्य आरोपियों को भी तलब किया गया था। कोर्ट ने सभी को सात अक्तूबर को पेश होने के लिए कहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है।
पहली बार तेजस्वी का भी नाम आया
दरअसल, दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू, तेजस्वी और अन्य आरोपियों को समन जारी किया था। कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा था। कोर्ट ने कहा कि तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे। उन्हें भी जमन जारी किया गया है।
क्या है मामला? (Land for job CBI case)
आरोप है कि रेलवे मंत्री रहते हुए लालू यादव इस घोटाले में शामिल थे। यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच किया गया था, जहां कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरियां दी गई थीं। बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी। घोटाले का आरोप यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला पर भी लगा है। मामले में भी सीबीआई ने विजय सिंगला समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।
Salim Khan threat : सलीम खान को मिली धमकी; बुर्का पहनी महिला ने कहा ‘लॉरेंस बिश्नोई को भेजूं क्या’