Farmers Protest : न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों के लिए पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की जवानों के साथ झड़प भी हुई। जिसमें कई घायल भी हुए। सड़कों पर प्रदर्शनकारियों के आंदोलन के चलते आम लोगों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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आज आंदोलन का दूसरा दिन है। आज फिर जवान सीमाओं पर कड़े पहरों के साथ पूरी मुस्तैदी के साथ खड़े हैं। वहीं किसानों ने भी दिल्ली कूच करने की पूरी तैयारी कर ली है।
पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों के आंदोलन की वजह से सीमाओं पर अच्छा-खासा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सीमाओं पर बैरिकेडिंग की गई। आंदोलन के दूसरे दिन भी सीमाओं पर जवानों का कड़ा पहरा है।
बीते दिन किसानों की जवानों के साथ झड़प भी हुई। जिसमें कई जवान और किसान घायल हुए। किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी और कई मांगों को स्वीकार कराने के लिए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
किसानों के साथ बैठक करेंगे केंद्रीय मंत्री
किसान संगठनों के साथ आज तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ होने वाली मीटिंग में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल नहीं होंगे। वह आज राम मंदिर के दर्शनों के लिए अरविंद केजरीवाल के साथ अयोध्या गए हैं ।
केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे किसान नेता
दिल्ली आने से पहले चंडीगढ़ में तीन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Farmers Protest), पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ किसान संगठन बैठक करेंगे। यह बैठक चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (मगसीपा) में होनी है
CM मनोहर ने किसानों के लिए कह दी ये बात
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीते दिन किसानों के लिए कहा कि किसानों को दिल्ली जाने से कोई नहीं रोक रहा है। वह ट्रेन, बसों से जा सकते हैं लेकिन उन्हें ट्रैक्टरों में जाना है, हथियारों के साथ जाना है। ऐसा करना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। सीएम ने कहा कि अगर किसान ट्रैक्टर लेकर जाएंगे और हथियार आगे बांधकर जाएंगे तो कोई भी इन्हें जाने की इजाजत नहीं देगा।
क्यों फिर आंदोलन पर उतरे किसान?
किसान कई मांगों के लिए विरोध पर उतरे हैं। उनकी सबसे पहली मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनना है। साथ ही किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग (Farmers Demand) भी कर रहे हैं और आंदोलन में शामिल किसान कृषि ऋण माफ करने की मांग की गई है। इसके अलावा लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग भी शामिल है।