Dengue : मच्छर जनित रोग डेंगू, चिकनगुनिया के मामले देशभर में बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के अधिकतर राज्य इस रोग की चपेट में है। डेंगू के कारण न सिर्फ अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ी है, साथ ही इस बार संक्रमण के कारण मौत के मामले भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता बढ़ा रहे हैं। दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब से मिल रही डेंगू की जानकारियां भी डराने वाली हैं।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को मच्छरों के काटने से बचाव (Dengue) के लिए उपाय करते रहने चाहिए। डेंगू के मच्छर दिन के समय अधिक काटते हैं, इसलिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए साफ-सफाई और दवाओं का छिड़काव कराएं।
उत्तर प्रदेश और बिहार में बिगड़ रहे हैं हालात
डेंगू के मामले उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई अन्य राज्यों में रफ्तार पकड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है हालांकि, अगर निजी अस्पतालों के डेटा को भी शामिल किया जाए तो ये टोल बढ़ सकता है। राज्य में डेंगू के मामलों की संख्या 13,000 से अधिक हो गई है। पिछले 24 घंटे में डेंगू के 600 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं।
इसी तरह से बिहार में पिछले 24 घंटे में 373 नए केस दर्ज किए गए। अकेले पटना जिले से अधिकतम 178 मामले सामने आए हैं। इस साल अब तक राज्य में डेंगू के मामलों की संख्या 11,675 हो गई है, जिसमें केवल अक्तूबर में ही 4,940 मामले शामिल हैं।
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DEN-2 स्ट्रेन के कारण गंभीर रोग का जोखिम
दिल्ली में पिछले डेढ़ महीने में डेंगू के मामलों (Dengue) में तेजी से वृद्धि देखी गई है। जहां राज्य में 5 अगस्त तक डेंगू के मामलों की संख्या 348 थी, वहीं सितंबर के आखिर तक ये बढ़कर 3,200 से अधिक हो गई। अस्पतालों से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक इस बार राज्य में डेंगू के गंभीर DEN-2 स्ट्रेन के बारे में पता चला है, जिसके कारण गंभीर रोग विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है।
चार में से एक परिवार मच्छर जनित बीमारियों का शिकार
डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया को लेकर देशभर में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया है कि पिछले तीन वर्षों में लगभग हर चार में से एक परिवार मच्छर जनित बीमारियों का शिकार हुआ। सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकलसर्कल्स द्वारा 327 जिलों में 58,000 लोगों पर किए गए सर्वेक्षण में 73 प्रतिशत लोगों ने दावा किया कि उनके शहरों में नगर निगमों ने पिछले कुछ वर्षों में मच्छर जनित बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम नहीं किया है। मानसून के दिनों में अगर सावधानी बरती गई होती और पर्याप्त उपाय किए गए होते तो इस मामलों को बढ़ने से रोका जा सकता था।