नई दिल्ली। Delhi Services Bill : मंगलवार को दिल्ली में सेवाओं पर अधिकार से संबंधित विधेयक को लोकसभा में पेश कर दिया गया। साथ ही इस विधेयक को कुछ बदलावों के साथ पेश किया गया है। इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 नाम दिया गया है। वही आम आदमी पार्टी (AAP) समेत कुछ विपक्षी दलों का कहना है कि ये विधेयक राज्यसभा में गिर जाएगा। AAP को इस विधेयक पर कई विपक्षी दलों का समर्थन मिला है। हालांकि, टीडीपी, बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस ने विधेयक का समर्थन कर संसद में सरकार की स्थिति मजबूत कर दी है।
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दिल्ली सेवा विधेयक का लोकसभा में आसानी से पास होना तय
दिल्ली सेवा विधेयक (Delhi Services Bill) का लोकसभा में आसानी से पास होना तय है। बीजेपी के पास अकेले 301 सदस्य हैं। बात एनडीए की करें तो इसके सांसदों का आंकड़ा 330 के पार पहुंच जाता है। ऐसे में इस विधेयक को लोकसभा में पास कराने में कोई मुश्किल नहीं होगी। वहीं, विधेयक का समर्थन करने वाली वाईएसआर कांग्रेस के 22, बीजेडी के 12, जबकि टीडीपी के कुल तीन लोकसभा सांसद हैं।
वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी, दोनों पार्टियों के राज्यसभा में नौ-नौ सदस्य हैं। वहीं, इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (आईएनडीआईए) गठबंधन की पार्टियों के कुल 101 सांसद ही राज्यसभा में हैं। बीआरएस के सात सदस्यों और निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल का साथ मिलने से विधेयक का विरोध करने वाले सदस्यों की संख्या 109 तक ही पहुंचती है।
वहीं, एनडीए के 111 सदस्य और बीजेडी व वाइएसआर कांग्रेस के 18 सदस्यों को जोड़कर विधेयक का समर्थन करने वालों सदस्यों की संख्या 129 हो जाएगी। ऐसे में दोनों सदनों में दिल्ली सेवा विधेयक को पास कराने की सरकार की राह आसान दिख रही है।
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