Azharuddin : भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज मोहम्मद अजहरुद्दीन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने समन किया है। उन पर 20 करोड़ रुपये के फंड के दुरुपयोग का आरोप है। यह मामला हैदराबादा क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़ा हुआ है। 61 साल के अजहरुद्दीन को हैदराबाद में प्रवर्तन निदेशालय के सामने आज ही पेश होने के लिए कहा गया था। हालांकि, वह पेश नहीं हुए और जानकारी के मुताबिक उन्होंने ईडी से समय मांगा है। ईडी उन्हें फिर से समन जारी कर सकता है।
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अपने कार्यकाल के दौरान फंड के दुरुपयोग का गंभीर आरोप
यह कांग्रेस नेता को जारी किया गया पहला समन है। अजहरुद्दीन हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन पर अपने कार्यकाल के दौरान फंड के दुरुपयोग का गंभीर आरोप है। यह मामला हैदराबाद के उप्पल में राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजल जनरेटर, अग्निशमन प्रणाली और कैनोपियों की खरीद के लिए आवंटित 20 करोड़ रुपये के कथित दुरुपयोग से संबंधित है।
इस मामले को लेकर ईडी ने पिछले साल नवंबर में तलाशी ली थी। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला एचसीए के फंड के 20 करोड़ रुपये के कथित आपराधिक दुरुपयोग के लिए तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दायर तीन एफआईआर और आरोप पत्र के बाद आया है।
अजहरुद्दीन का करियर
अजहरुद्दीन ने भारत के लिए 99 टेस्ट और 334 वनडे खेले थे। उनके नाम टेस्ट में 45.04 की औसत से 6215 रन और वनडे में 36.92 की औसत से 9378 रन हैं। टेस्ट में उन्होंने 22 शतक और 21 अर्धशतक, जबकि वनडे में सात शतक और 58 अर्धशतक लगाए। इसके अलावा वनडे में अजहरुद्दीन ने 12 विकेट भी लिए हैं। टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 199 रन और वनडे में 153 रन रहा है। अजहरुद्दीन ने 1992, 1996 और 1999, तीन वनडे विश्व कप में टीम इंडिया की कप्तानी भी की है।
1990 में टीम इंडिया के कप्तान बने
अजहरुद्दीन को 1990 में न्यूजीलैंड दौरे के लिए श्रीकांत की जगह भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था। उन्होंने 90 के दशक के ज्यादातर वनडे और टेस्ट में भारत का नेतृत्व किया और वह भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। उन्होंने कप्तान के रूप में 103 वनडे मैच और 14 टेस्ट जीते। उनके क्रिकेट करियर का आखिरी फेज काफी मुश्किलों से भरा रहा था।
2000 में लगा था मैच फिक्सिंग का आरोप
साल 2000 में अजहरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था। तब दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोन्ये ने मैच फिक्सिंग को लेकर अपने कबूलनामे में संकेत दिया था कि अजहरुद्दीन ने उन्हें कुछ सट्टेबाजों से मिलवाया था। भारत की प्रमुख जांच एजेंसी, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने जांच की और विश्व क्रिकेट की स्थिति पर एक निराशाजनक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें प्रमुख भारतीय क्रिकेटरों के नाम शामिल था। इनमें अजहर का नाम शीर्ष पर था। बेगुनाही की दलील देने के बावजूद बीसीसीआई ने उन्हें 2000 में जीवन भर के लिए क्रिकेट खेलने से प्रतिबंधित कर दिया था। वह 19 फरवरी 2009 को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे और राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी।
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