Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की अमित शाह करेंगे समीक्षा

0
132

नई दिल्ली। Amarnath Yatra:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की गई। दो साल बाद यह सालाना तीर्थ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। इस साल करीब तीन लाख श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने भी हाल में ही इसी मुद्दे पर बैठक की थी।

Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा पर आपदा का कहर

गृह सचिव भल्ला ने अब तक दो ऐसी बैठक की

गृह सचिव भल्ला ने अब तक दो ऐसी बैठक की है। इसमें से एक 13 मई को दिल्ली में और दूसरी 15 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में की गई। बैठक में शामिल होने वालों में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, इंटेलीजेंस ब्यूरो चीफ अरविंद कुमार, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) डायरेक्टर जनरल कुलदीप सिंह, जम्मू कश्मीर के डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस दिलबाग सिंह, डायरेक्टर जनरल आफ बार्डर रोड्स आर्गेनाइजेशन (BRO) के लेफ्टीनेंट जनरल राजीव चौधरी व सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत बार्डर पुलिस (ITBP) व केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के कई अधिकारी थे। इसके साथ ही बैठक में अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के सदस्यों ने भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया।

गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क

अमित शाह को सभी सुरक्षा संबंधित अपडेट, के साथ यात्रा वाले इलाके के हालात से अवगत कराया गया। अमरनाथ तीर्थयात्रा (Amarnath Yatra)  चुनौतीपूर्ण कार्य है क्योंकि जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से आतंकियों द्वारा टार्गेट किलिंग के मामलों में बढ़त दर्ज की गई है। इसके मद्देनजर गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है और कहा है कि आतंक रोधी आपरेशन को बढ़ा दें।

इस यात्रा के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन पहले ही 11 अप्रैल से शुरू हो चुकी है

उल्लेखनीय है कि इस यात्रा के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन पहले ही 11 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। यह अमरनाथ यात्रा 43 दिनों की है जो 30 जून से 11 अगस्त तक चलेगी। अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के सदस्यों से विचार विमर्श के बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कोविड-19 महामारी के कारण 2020 व 2021 में इस तीर्थयात्रा को कैंसल कर दिया था। 3880 मीटर ऊंचे भगवान शिव की गुफा तक पहुंचने के लिए पहलगाम व बालटाल का रास्ता अपनाया जाता है।

1993 Mumbai Bomb Blast Case: गुजरात ATS की बड़ी कामयाबी

LEAVE A REPLY