नई दिल्ली। केेंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा किया और एक एक कर विरोधियों को जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘उचित समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा।’ इस दौरान गृहमंत्री ने विपक्ष पर भी पलटवार किया और कहा कि जिनको पीढ़ियों तक शासन करने का मौका दिया वो अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि हम हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं।
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जानें गृहमंत्री ने अपने संबोधन में और क्या सब कहा-
– विपक्ष पर हमला बोलते हुए गृहमंत्री ने उनसे पिछले 70 सालों का हिसाब मांगा और कहा, ‘मुझे कोई आपत्ति नहीं, मैं आपको हर चीज का हिसाब दूंगा। अनुच्छेद 370 हटे हुए 17 महीने हुए, 70 साल आपने क्या किया, इसका हिसाब लेकर आए हो क्या? जिनको पीढ़ियों तक शासन करने का मौका दिया वो अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि हम हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं।’
– अमित शाह ने लोकसभा विपक्षी सांसदों को पढ़कर आने की नसीहत देते हुए AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा और कहा, ‘ओवैसी साहब, अफसरों का हिंदू-मुस्लिम में विभाजन कर रहे हैं। आपके मन में सब चीज हिंदू-मुस्लिम है… मैं तो समझता हूं आपको।’ गृहमंत्री ने कहा, ‘एक मुस्लिम अफसर हिंदू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिंदू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? अफसरों को हिंदू मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को सेक्युलर कहते हैं।’
– गृहमंत्री अमित शाह ने ओवैसी द्वारा लगाए गए आरोप का भी जवाब दिया। ओवैसी ने कहा था सरकार ने कश्मीर में 2G से 4G कनेक्टिविटी विदेशियों के दबाव में बहाल की है। इसपर अमित शाह ने कहा, ‘ओवैसी साहब को मालूम नहीं है कि जिनका वो समर्थन करते थे, वो यूपीए सरकार अब सत्ता में नहीं है। ये नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इस देश के फैसले ये देश करता है, यहां की संसद करती है, कोई हम पर दबाव नहीं डाल सकता।’ अमित शाह ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी पर भी हमला किया और कहा, ‘आप हमें पूछ रहे हो? आपने तो मोबाइल ही बंद कर दिए थे और 20 साल तक बंद कर दिए थे। कहां गए थे उस वक्त सारे अधिकारी?’
– गृहमंत्री ने उन आशंकाओं को भी दरकिनार किया कि जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। गृहमंत्री ने वादा किया कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा निश्चित तौर पर मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘राज्य का रुका हुआ विकास वापस पटरी पर लाएंगे और पूर्ण राज्य का दर्जा जरूर वापस देंगे।’ उन्होंने कहा कि ‘मन की आशंकाओं को जम्मू कश्मीर की जनता पर मत थोपिए।’
– गृहमंत्री ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 जाने के बाद जम्मू कश्मीर में किसी के साथ भी अन्याय हो, ऐसी आशंका को ही समाप्त कर दिया गया है। 2014-15 से 2019 तक 4,164 करोड़ रुपये की राशि लद्दाख में भेजी गई है। 31-10-2019 से 31-03-2020 तक 3,518 करोड़ रुपये हम लद्दाख के लिए भेज चुके हैं।’