नई दिल्ली। भारत में सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से सोमवार को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का आगाज हुआ। विज्ञान भवन में इस कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया। इस अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत भी मौजूद रहे।
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राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि
हमारे देश में जितने सड़क हादसे हो रहे हैं उससे देश की अर्थव्यवस्था में जीडीपी के 3 फीसद का नुकसान होता है। इसलिए इस राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का हर साल आयोजन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से 1.5 लाख से अधिक लोगों की जान गई है, लेकिन आज भी सड़क हादसों की वजह से इससे ज़्यादा लोगों की जान जा रही है। ये हमारे लिए कोई सामान्य चुनौती नहीं है।
22 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा
उद्घाटन कार्यक्रम में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि भारत में सड़क दुर्घटना में 415 लोग रोज़ मारे जा रहे हैं। अगर हम 2030 तक राह देखते रहेंगे तो 6-7 लाख लोग इसमें मर जाएंगे। 2025 तक हम आपके सहयोग से सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतें और दुर्घटनाएं 50 फीसद से नीचे कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी इच्छा पिछड़े क्षेत्रों में ड्राइविंग स्कूल खोलने की है। इससे 22 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा। ठीक से प्रशिक्षित करेंगे तो लोगों की जान बचेगी। पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों में कौशल विकास मंत्रालय और हमारा मंत्रालय मिलकर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का काम कर रहे हैं।
रक्षामंत्री सड़क सुरक्षा पर बनी एक फिल्म का भी शुभारंभ
बता दें कि इस दौरान रक्षामंत्री सड़क सुरक्षा पर बनी एक फिल्म का भी शुभारंभ करेंगे। इसके अलावा वो वाघा बॉर्डर से कन्याकुमारी तक सुरक्षित गति चुनौती की राष्ट्रीय चैंपियनशिप को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे और सड़क सुरक्षा के लिए पुरस्कार भी प्रदान करेंगे। राज्य सरकारें, सार्वजनिक उपक्रम और बीमा कंपनियां भी सोमवार को विज्ञान भवन में होने वाले उद्घाटन समारोह के बाद सेमिनार, वॉकथॉन, पोस्टर निर्माण प्रतियोगिताओं आदि के साथ जागरूकता पैदा करने वाली गतिविधियों में भाग लेंगी।