Election Commission : मंगलवार को दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के एक नेता ने उनके करीबी से संपर्क साधा है। उनको बोला है कि आतिशी को अपना करियर बचा के रखना है तो वह जल्द भाजपा में शामिल हो जाएं। आप मंत्री के आरोपों पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है और आतिशी को एक नोटिस भेजा है। आतिशी को सोमवार यानी 8 अप्रैल तो दोपहर तक जवाब देने के लिए कहा है।
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चुनाव आयोग के नोटिस पर आतिशी ने उठाया सवाल
आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘4 अप्रैल को भाजपा ने मेरी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। 5 अप्रैल को सुबह 11:15 बजे न्यूज चैनलों पर फ्लैश हुआ कि आतिशी को नोटिस भेजा गया है, लेकिन खबर के आधे घंटे बाद मुझे मेल पर नोटिस मिला। इसका मतलब यह है कि भाजपा पहले चुनाव आयोग का नोटिस मीडिया में प्रसारित करती है और उसके बाद मुझे नोटिस मिलता है। मेरा सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग भाजपा का सहायक संगठन बन गया है।
आतिशी ने कहा, ‘यह चिंता की बात है कि सभी केंद्रीय एजेंसियों और संस्थानों ने भाजपा के सामने घुटने टेक दिए हैं और अब तो चुनाव आयोग भी भाजपा के सामने नतमस्तक हो गया है। सवाल उठता है कि नोटिस चुनाव आयोग ने दिया है या भाजपा दे रही है।
जब चुनाव आयोग (Election Commission) में हमने शिकायत दर्ज कराई तो कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन जैसे ही भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई है तो 12 घंटे के भीतर नोटिस जारी कर दिया जाता है। मैं चुनाव आयोग के सदस्यों से अनुरोध करूंगी कि इस देश में लोकतंत्र को बचाना आपकी जिम्मेदारी है। आप भाजपा के सदस्य नहीं हैं।’
आतिशी ने भाजपा पर लगाया था यह आरोप
आतिशी ने आरोप लगाया कि उन्हें भाजपा में शामिल होने का ऑफर आया है। करीबी व्यक्ति के माध्यम से उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए संपर्क किया गया है। उन्हें कहा गया है कि भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक करिअर बचा लो, अन्यथा महीने भर में ईडी गिरफ्तार कर लेगी। कुछ दिनों में उनके आवास, रिश्तेदारों व परिवार वालों के घर रेड होगी और समन भेजे जाएंगे।
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