Pratibha Singh : प्रतिभा सिंह बन सकती हैं हिमाचल की मुख्यमंत्री

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Pratibha Singh : हिमाचल प्रदेश में मची सियासी कलह के बीच नए मुख्यमंत्रियों के नाम की भी खूब चर्चा हो रही है। इसी बीच हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह का नाम आगे बढ़ाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्रतिभा सिंह के बेटे और बगावत करने वाले मंत्री विक्रमादित्य भी इस बगावत को तभी खत्म करने के मूड में हैं, जब मुख्यमंत्री बदल जाएगा। यही वजह है कि तमाम समझौतों की कोशिशों के बाद भी विक्रमादित्य ने कोई ढील नहीं बरती है।

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जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में शुरू हुई कवायद में मुख्यमंत्री के बदलाव का बड़ा दबाव बन रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि जब हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, तब भी वीरभद्र सिंह के परिवार से ही मुख्यमंत्री के बनाए जाने का दबाव बढ़ा था। अब एक बार जब फिर हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट पैदा हुआ है, तो वीरभद्र सिंह के समर्थक इस मामले को हाथ से नहीं जाने देना चाहते हैं।

सूत्रों की मानें तो वीरभद्र सिंह की पत्नी और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को इस पूरे विवाद के दौरान सत्ता परिवर्तन कर मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग होने लगी है। राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा कहते हैं कि लोक निर्माण मंत्री और वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य ने इस पूरे मामले में बगावत यूं ही नहीं की है। उनका मानना है कि तकरीबन डेढ़ साल बाद पैदा हुआ सियासी संकट अब मुख्यमंत्री के बदलाव के साथ ही समाप्त हो सकता है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हिमाचल की सियासत में जो चर्चा विक्रमादित्य के लिए उपमुख्यमंत्री पद की हो रही है उसका फिलहाल कोई आधार नजर नहीं आ रहा है। राजनीतिक विश्लेषक राजेश शर्मा के मुताबिक जब चुनाव जीतने के बाद हिमाचल में मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात हुई, तो उनकी मां प्रतिभा सिंह का नाम रेस में सबसे आगे बताया के रहा था। लेकिन उस वक्त की सियासी उठापटक में राजा वीरभद्र सिंह के परिवार में मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं आई।

सूत्रों की मानें तो हिमाचल के कुछ प्रमुख नेताओं ने प्रतिभा सिंह का नाम दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान तक भी बढ़ाया है। जानकारों की मानें तो नाम बढ़ाने वाले नेताओं की ओर से हिमाचल के सियासी संकट को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री के परिवर्तन की बात कही गई है। हालांकि मंगलवार तक कांग्रेस की ओर से भेजे गए ऑब्जर्वर को किसी भी दशा में सरकार बचाने के लिए हर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र किया गया था।

देर रात तक हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हड्डा और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मामले को बहुत हद तक सामान्य करने के प्रयास किए। इसके अलावा कांग्रेस के बागी विधायकों को निलंबित करके भी सरकार को बचाने का एक प्रयास किया गया। ऐसी दशा में जो सियासी संकट मंगलवार को था, वह त्वरित प्रभाव से सरकार के ऊपर बुधवार को खतरे जैसा नहीं दिखा। यही वजह है कि अब मामले को सामान्य करने और सरकार बचाने के साथ सीएम को न हटाए जाने की भी कवायद चल रही है।

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