Farmers Protest : शंभू बॉर्डर पर गुरदासपुर के एक किसान की मौत

0
118

गुरदासपुर। Farmers Protest :  हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर चल रही तनातनी के बीच जिला गुरदासपुर के गांव चाचौकी के रहने वाले एक किसान की मौत हो गई है। मृतक किसान की पहचान ज्ञान सिंह पुत्र गुज्जर सिंह के रूप में हुई है।

Congress : खातों पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ IT ट्रिब्यूनल पहुंची कांग्रेस, मिली राहत

उधर किसान की मौत की खबर से परिवार में शोक की लहर है। गौरतलब है कि 11 फरवरी को किसान मजदूर संघर्ष कमेटी जोन बाबा नामदेव जी के जत्थे के साथ किसान ज्ञान सिंह शंभू बॉर्डर पर गए थे। 14 फरवरी को उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

गांव के सरपंच जगदीश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान की मौत की घटना के बारे में स्वजनों को बता दिया गया है। किसान का शव जल्द ही गांव भेजा जाएगा और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के पंजाब प्रधान सरवन सिंह पंढेर इस मामले पर आगे की कार्रवाई करेंगे।

हार्ट अटैक की वजह से हुई मौत: डॉक्टर

अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि किसान की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है. जब उन्हें यहां लाया गया तो उनकी स्थिति काफी नाजुक थी. उनकी मौत सुबह 6 बजे हुई है. पटियाला के डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद पर्रे ने भी किसान की मौत की पुष्टि कर दी है. उन्होंने बताया कि मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार किसान की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है. ज्ञान सिंह किसान मजदूर मोर्च के धड़े किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्य थे।

सुबह 3 बजे तबीयत खराब होने की कही बात

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञान सिंह ट्रॉली में पांच अन्य किसानों के साथ सो रहे थे. ये लोग शंभू बॉर्डर के पास मौजूद थे, जहां धरना चल रहा है. ज्ञान सिंह के भतीजे जगदीश सिंह ने बताया कि सुबह 3 बजे उन्होंने तबीयत खराब होने की बात कही. जगदीश सिंह ने बताया कि हमने शंभू पुलिस स्टेशन के पास खड़ी एंबुलेंस को तुरंत बुलाया और उन्हें राजपुरा सिविल अस्पताल लेकर गए।

उन्होंने आगे बताया कि वहां पहुंचने पर हमें राजिंद्र मेडिकल कॉलेज, पटियाल भेज दिया गया. इस दौरान उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. एंबुलेंस में ही उन्हें ऑक्सीजन सप्लाई दी गई. सुबह 5 बजे तक हम मेडिकल कॉलेज पहुंचे, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. ज्ञान सिंह की शादी नहीं हुई थी, वह अपने भतीजों के साथ ही रहते थे. उनकी 1.5 एकड़ की खेती की जमीन थी, जिस पर खेती करते थे।

Sandeshkhali Incident : संदेशखाली मामले में ममता बोलीं- अपने जीवन में कभी अन्याय नहीं होने दिया

LEAVE A REPLY