Delhi liquor policy case : ईडी ने की कस्टडी बढ़ाने की मांग, फैसला सुरक्षित

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Delhi liquor policy case

नई दिल्ली। Delhi liquor policy case : शराब नीति मामले में ईडी ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया को रिमांड खत्म होने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया, जहां ईडी ने अदालत के सामने मामले पर नए निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और कुछ देर में कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।

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ई़डी ने मांगी रिमांड (Delhi liquor policy case)

सूत्रों की मानें तो ईडी के वकील में अपनी दलीलें देते हुए सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए अदालत से रिमांड बढ़ाने की मांग की है। ईडी ने कहा कि उन्होंने अपना फोन नष्ट कर दिया और फिर से सामना करने की जरूरत है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ईडी ने कोर्ट के आप नेता की 7 दिन रिमांड बढ़ाने की मांग की है। एजेंसी ने कहा कि उन्होंने अपना फोन नष्ट कर दिया और फिर से पूछताछ की जरूरत है।

वहीं, सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने रिमांड बढ़ाने के लिए ईडी की याचिका का विरोध करते कहा कि अपराध की आय पर एजेंसी का कोई नई बातें नहीं हैं। यही सभी तथ्य सीबीआइ ने भी दिए हैं। अब सिर्फ रिमांड के लिए ईडी ऐसा ही कर रही है। किसी एजेंसी को रिमांड डबल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इन सात दिनों में सिर्फ 11 घंटे की जांच हुई है। सीबीआई ने कहा हर दिन चार घंटे पूछताछ हुई, हमारे आपस सीसीटीवी फुटेज है।

माथुर ने आगे कहा, क्या चार घंटे सामने बैठाकर रखना पूछताछ करना है। क्या फोन बदला जाना ईडी के रिमांड में है, एजेंसी स्पष्ट करे आखिर ईडी को आगे रिमांड क्यों चाहिए? माथुर ने कहा कि एजेंसी को जस्टिफाई करने की जरूरत है कि अगस्त 2022 में दर्ज ईएसआईआर के बाद से अब तक उन्होंने क्या किया। ये एक व्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है।आखिर ईडी ने सात दिन में क्या किया, क्या ईडी सीबीआई की प्रॉक्सी एजेंसी है। माथुर ने कहा कि किसी से सामना कराने के लिए हिरासत में रखने की जरूरत है।

कोर्ट से एजेंसी से पूछा सवाल

वहीं, सिसोदिया के वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने एजेंसी से पूछा कि क्या कोई और आरोपित हिरासत में है। आपको बता दें कि सिसोदिया ने लंबे समय से इस्तेमाल कर रहे अपने फोन को 20 जुलाई, 2022 को बदल दिया, जब एलजी ने इस मामले में सीबीआइ को जांच की सिफारिश की थी।

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