Gyanvapi Case: कार्बन डेटिंग की मांग को अदालत ने किया खारिज

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वाराणसी। Gyanvapi Case: लंबे समय से अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग मामले में अब सुनवाई पूरी होने के साथ ही फैसला आखिरकार दोपहर ढाई बजे आ गया। इसके पूर्व दोनों पक्षों को सुनने और आपत्ति दाखिल करने के लिए समय देने के बाद अदालत में अब सुनवाई और बहस का दौर खत्‍म हो चुका था। ऐसे में माना जा रहा था कि शुक्रवार को अदालत इस मामले में कोई फैसला सुना सकती है।

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अदालत ने सुनाया फैसला

दोपहर ढाई बजे इस मामले की अदालत में सुनवाई शुरू हुई तो दोनों ही पक्षों के लोग अदालत में मौजूद रहे। वहीं दोपहर बाद कार्बन डेटिंग की मांग को अदालत ने अपने फैसले में खारिज करते हुए कहा कि इससे शिवलिंग को क्षति पहुंच सकती है। लोगों की आस्‍था को देखते हुए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की जांच करने की अनुमति नही दी जा सकती है। पूर्व में वजूखाने में मिले शिवलिंग को अदालत ने सुरक्षित रखते हुए यहां पर हर प्रकार की गतिविधि पर रोक लगा दी थी। ऐसे में अदालत ने पूर्व के फैसले को दोहराते हुए जन भावनाओं का ख्‍याल रखते हुए शिवलिंग की यथा स्थिति बरकरार रखने की बात कही है। वहीं अदालत से एक बड़े मामले में फैसला आने की संभावना के मद्देनजर सुबह से ही अदालत में पुलिस बल की मौजूदगी बनी रही।

हिंदू पक्ष ने की थी मांग

दिल्ली की राखी सिंह और वाराणसी की चार महिलाओं की ओर से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन -पूजन समेत अन्य मांगों को लेकर दाखिल मुकदमे में फैसला शुक्रवार की दोपहर में आ गया। इसमें ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Case) में मिले शिवलिंग के आयु निर्धारण के लिए की जा रही कार्बन डेटिंग या पुरातत्वविदों की टीम द्वारा इसकी और आसपास के स्थान की जांच की मांग की गई थी। शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग जहां हिंदू पक्ष ने की थी वहीं कार्बन डेटिंग का मुस्लिम पक्ष विरोध कर रहा था।

अदालत ने मांगी थी आपत्ति

पूर्व में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Case) में प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को इस आशय की जानकारी से अदालत ने अपडेट करते हुए अपनी आपत्ति दाखिल करने का समय तय कर दिया था। इसके पूर्व इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से अदालत में अपना पक्ष रखा जा चुका था। ऐसे में अदालत में अब सुनवाई और बहस इस मामले में पूरी होने के बाद फैसले की उम्‍मीद की जा रही थी, उसी अनुरूप अदालत ने फैसला सुनाया और कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज कर दिया।

इस मामले में अदालत ने दो दिन पहले मंदिर और मस्जिद पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तिथि नियत की थी। ऐसे में अदालत में फैसला आने की उम्‍मीद के बीच दोनों ही पक्ष अपने वकीलों के साथ संपर्क कर फैसले की संभावना और परिणाम के साथ ही आगे की रणनीति को लेकर मंथन करते नजर आए।

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