Kisan Mahapanchayat in Lucknow : महापंचायत में पहुंचे राकेश टिकैत

0
123

लखनऊ। Kisan Mahapanchayat in Lucknow : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान कर चुके हैं, इसके बाद भी संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन आगे बढ़ा रहा है। राजधानी के इको गार्डेन पार्क पर संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भाक‍ियू नेता राकेश ट‍िकैत पहुंच गए हैं। इस दौरान उन्‍होंने क‍िसान आंदोलन के दौरान मृत 750 क‍िसानों को शहीद का दर्जा द‍िए जाने की मांग की। राजधानी पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की भी मांग की है। कहा, MSP पर क़ानून बनाओ। उन्‍होंने कहा क‍ि दूध के लिए भी एक नीति आ रही है उसके भी हम ख़िलाफ़ हैं, बीज क़ानून भी है। इन सब पर बातचीत करना चाहते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि यूपी में आंदोलन से पहले ही सरकार ने तीन कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान कर दिया है, इसलिए जीत का जश्न है और किसानों में आगे की जंग का जज्बा भी है।

President Ram Nath Kovind : अभिनंदन वर्धमान को किया वीर चक्र से सम्मानित

जीत का जश्न है और आगे जंग का जज्बा भी

योगेंद्र यादव ने कहा कि वह तो बहुत पहले से कह रहे थे कि कृषि कानून मर चुके हैं, अब उन्हें डेथ सर्टिफिकेट चाहिए। पीएम ने उसकी भी घोषणा कर दी है। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री को अहंकार की बीमारी लगी है, जनता एक साल से दवाई कर रही थी लेकिन उसका असर नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल चुनाव ने छोटा इंजेक्शन दिया और यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ा इंजेक्शन लगाने से पहले ही बड़ा असर हो गया है। ये जीत किसानों की है, 70 साल में पहली बार उनकी मांगे मानी गई। उन्होंने कहा कि किसानों को धान नहीं चाहिए, फसल का सही दाम चाहिए। ये दाम एमएसपी से मिलेगा। जब तक दाम मिलने की बात नहीं मानी जाती आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन कैसा होगा ये 27 नवंबर को मोर्चा तय करेगा। उन्होंने कहा कि गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करके गिरफ्तार कराएं।

Kisan Mahapanchayat in Lucknow अब फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने पर अड़ा

संयुक्त किसान मोर्चा अब फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने पर अड़ा है। मोर्चे की ओर से कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार लगातार इस मुद्दे पर किसानों को गुमराह कर रही है कि एमएसपी लागू थी, लागू है और लागू रहेगी। जबकि हकीकत यह है कि किसानों की उपज औने-पौने दामों पर खरीदी जा रही है। संसद से कृषि बिल पास होने व कानून बनने के बाद से किसानों का आंदोलन चल रहा है।

कृषि कानून वापसी चुनावी जुमला भर है: हरिनाम सि‍ंह वर्मा

मोर्चा की प्रदेश कमेटी के सदस्य व भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिनाम सि‍ंह वर्मा कहते हैं कि कृषि कानून वापसी चुनावी जुमला भर है। उन्होंने कहा कि कृषि कानून संसद से पास हुए थे तो संसद से ही वापस होने चाहिए। इसके लिए टेलीविजन पर बयानबाजी करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक एमएसपी पर कानून बनाकर इसे लागू नहीं किया जाएगा, तब तक किसान मानने वाले नहीं है। किसान पंचायत में बिजली, डीजल, महंगाई आदि पर बात होगी। पंचायत में किसान नेता दर्शन पाल सि‍ंह, जोगेंद्र सि‍ंह आदि आएंगे।

Apani sarakaar portal : सरकार को जनता के द्वार तक ले जाने की दिशा में बड़ा कदम

LEAVE A REPLY