देहरादून: शनिवार, दिनांक १३ फरवरी २०२१ को विश्व रेडियो दिवस पर उत्तरांचल विश्वविद्यालय में गेस्ट लेक्चर काआयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर श्री अनिल दत्त शर्मा जी उपस्थित रहे जोकि भारतीय सूचना विभाग में फील्ड पब्लिसिटी ऑफिसर के तौर पर नियुक्त हैं, विशिष्ट अतिथि के तौर पर
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग कर विभागाध्यक्ष डॉ जितेंद्र सिन्हा, एच ओ डी मौजूद रहे।
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कार्यक्रम का मुख्य विषय रेडियो का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में ख़ासकर उत्तराखंड के संदर्भ में जिसमे मुख्यत
पत्रकारिता के विद्यार्थी उपस्थित थे। अनिल जी ने रेडियो के अलग अलग रूप के बारे में बताते हुए अपने कुछ तजुर्बे भी साझा किए। उन्होंने ये बताया कि किस प्रकार से अलग अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और हम जो पत्रकारिता को आज देख रहे हैं वो असल में कुछ और थी।
साथ ही साथ बच्चों से बात चीत करते हुए उनके सवाल के जवाब भी दिए जिसमे उन्होंने बताया कि रेडियो की
दुनिया आपके चेहरे से ज़्यादा आपकी आवाज़ से जानी जाती है। ये बताते हुए उन्होंने ये बताया कि हम किस प्रकार अपने प्रकार अपने उच्चारण पर ध्यान दें और ये भी ध्यान दे कि केवल टीवी ही नी ज़रिया नहीं है पत्रकारिता पत्रकारिता का जबकि मीडिया एक बहुत बड़ी दुनिया है। अंत में विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने उनके उज्जवल भविष्य किnशुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री स्मृति उनियाल, श्री पवन डबराल और श्री वेद प्रकाश द्वारा किया गया। विश्व रेडियो दिवस पर उत्तरांचल विश्वविद्यालय में गेस्ट लेक्चर काआयोजनशनिवार, दिनांक १३ फरवरी २०२१ को विश्व रेडियो डे पर उत्तरांचल विश्वविद्यालय में गेस्ट लेक्चर काआयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर श्री अनिल दत्त शर्मा जी उपस्थित रहे जोकिभारतीय सूचना विभाग में फील्ड पब्लिसिटी ऑफिसर के तौर पर नियुक्त हैं, विशिष्ट अतिथि के तौर परपत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग कर विभागाध्यक्ष डॉ जितेंद्र सिन्हा, एच ओ डी मौजूद रहे।कार्यक्रम का मुख्य विषय रेडियो का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में ख़ासकर उत्तराखंड के संदर्भ में जिसमे मुख्यतपत्रकारिता के विद्यार्थी उपस्थित थे। अनिल जी ने रेडियो के अलग अलग रूप के बारे में बताते हुए अपनेकुछ तजुर्बे भी साझा किए।
उन्होंने ये बताया कि किस प्रकार से अलग अलग चुनौतियों का सामना करनापड़ता है और हम जो पत्रकारिता को आज देख रहे हैं वो असल में कुछ और थी।साथ ही साथ बच्चों से बात चीत करते हुए उनके सवाल के जवाब भी दिए जिसमे उन्होंने बताया कि रेडियोकी दुनिया आपके चेहरे से ज़्यादा आपकी आवाज़ से जानी जाती है। ये बताते हुए उन्होंने ये बताया कि हमकिस प्रकार अपने उच्चारण पर ध्यान दें और ये भी ध्यान दे कि केवल टीवी ही नी ज़रिया नहीं है पत्रकारिताका जबकि मीडिया एक बहुत बड़ी दुनिया है। अंत में विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने उनकेउज्जवल भविष्य कि शुभकामनाएं दी।कार्यक्रम का संचालन सुश्री स्मृति उनियाल, श्री पवन डबराल और श्री वेद प्रकाश द्वारा किया गया।
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