सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी की जयंती पर मची लोक संस्कृति की धूम

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सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते विहान सांस्कृतिक संस्था के कलाकार

अल्मोड़ा:- उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक सुर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी की 79वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। उदय शंकर नृत्य एवं संगीत अकादमी में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय कलाकारों व बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुति दी।

लोक नृत्य प्रस्तुत करती नन्ही बालिका सौम्या सनवाल

इस दौरान कलाकरों ने सुर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी के लोक संस्कृति के लिए किए गए कार्यो को याद किया। विहान सांस्कृतिक समिति के कलाकारों ने जहां अनेक लोक नृत्य प्रस्तुत किए वहीं घस्यारी नृत्य व देवीधूरा की बग्वाल का सुन्दर मंचन किया। नन्ही बालिका सौम्या सनवाल ने गोपाल बाबू गोस्वामी के गाए गीत हाय तेरी रुमाला में नृत्य कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

गोपाल बाबू गोस्वामी के पुत्र अमित गोस्वामी ने अपने पिता के गाए प्रचिलत गीत जै मय्या दुर्गा भावानी, कैले बाजे मुरुली, रुपसा रमौती घुघुर न बाजा छ़ुम आदि गीतों को गाकर गोपाल बाबू की याद ता

लोक गीत प्रस्तुत करते स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के पुत्र अमित गोस्वामी

जा कर दी। अमित की गायकी में पूरी तरह से गोपाल बाबू गोस्वामी के सुर व अंदाज देखकर लोग झूम उठे। वहीं कार्यक्रम में लोक गायक गोपाल चम्याल, कल्याण बोरा, अमित बुधाेरी व सुमित कनवान ने भी अनेक लोक गीत प्रस्तुत किए। इससे पूर्व स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी की धर्मपत्नी चंद्रा गोस्वामी एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व दर्जा राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआद की। चंद्रा गोस्वामी ने उनकी स्मृतियों को सांझा किया। कार्यक्रम के दौरान दूरभाष से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने संबोधित किया। कार्यक्रम के संयोजक आर्शीवाद गोस्वामी ने अपने पिताजी की विरासत को आगे बढ़ाने की बात कही। कार्यक्रम में समिति की उपाध्यक्ष चंद्रा गोस्वामी, कांग्रेस महिला अध्यक्ष लता तिवारी, सुमन सनवाल, कलावती चौहान, रंग कर्मी रमेश लाल, चंद्र शेखर, अरमान गोस्वामी, हर्ष पांडे, राजू चौहान आदि मौजूद रहे।

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