राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के सभी छात्रों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रदेश में 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। 500 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं तथा 840 नए विद्यालयों में हाइब्रिड मोड में स्मार्ट क्लासरूम भी स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के 6 से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना (Meritorious Student Award Ceremony) के माध्यम से प्रत्येक माह छात्रवृत्ति दी जा रही है। बच्चों के व्यक्तित्व विकास के उद्देश्य से प्रत्येक विकासखण्ड के 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजने की शुरुआत की गई है। माध्यमिक विद्यालयों में 8 ट्रेड्स में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की गई है, जिससे 42 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं कौशल आधारित शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
सरकार द्वारा स्थानीय भाषा और संस्कृति के संरक्षण के लिए गढ़वाली, कुमाऊँनी, जौनसारी भाषाओं में पुस्तकें तैयार की गई हैं। ’हमारी विरासत’ पुस्तक के माध्यम से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को भारत की संस्कृति, लोक परंपरा और महान विभूतियों से परिचित कराने का कार्य भी किया जा रहा है। बच्चों में कौशल, उद्यमिता और भारतीय ज्ञान परंपरा को विकसित करने के लिए ’कौशलम कार्यक्रम’ भी प्रारंभ किया गया है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, सलाहकार संपादक अमर उजाला श्री उदय कुमार, अमर उजाला के देहरादून संपादक श्री अनूप वाजपेयी, यूनिट हेड श्री पंकज शर्मा उपस्थित थे।