देहरादून। राजकीय एलटी समायोजित पदोन्नत शिक्षकों का मुद्दा अब तूल पकडऩे लगा है। समायोजित पदोन्नत शिक्षक संघर्ष मंच ने बुधवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनके सम्मुख अपनी बात रखी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने निजी सचिव के माध्यम से शिक्षा सचिव और निदेशालय को पत्र भिजवाकर पूछा कि सरकार के जीओ पर अब तक क्या कार्रवाई हुई।
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अध्यक्ष दिनेश फुलेरिया ने बताया कि
राजकीय एलटी समायोजित पदोन्नत शिक्षक संघर्ष मंच के अध्यक्ष दिनेश फुलेरिया ने बताया कि न्यायालय ने 2006 की सेवा नियमावली को आधार बनाकर समस्त प्राथमिक जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों एवं एलटी ग्रेड के शिक्षकों का सामान वेतनमान होने पर सबको समायोजित माना है। लेकिन विभाग ने अब तक केवल उन्हीं शिक्षकों को चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया, जिन्होंने कोर्ट में वाद दायर किया था।
जीओ जारी कर शिक्षा विभाग को इसी फैसले पर अमल करने के आदेश
शेष समायोजित पदोन्नत शिक्षकों को वंचित कर दिया। बताया कि पूर्व में संघर्ष मंच की मांग पर त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने साल 2017 में जीओ जारी कर शिक्षा विभाग को इसी फैसले पर अमल करने के आदेश दे दिए थे। बावजूद इसके अब तक यह व्यवस्था लागू नहीं हो सकी। इसी पर नाराजगी जताते हुए बुधवार को उन्होंने अपने निजी सचिव को शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशालय को पत्र भेजकर पूछा कि अब तक जीओ पर क्या कार्रवाई हुई है, इसकी जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। इस अवसर पर मंच के महामंत्री जेपी सिलोड़ी, डीएस सगोई, विजय लक्ष्मी घिडियाल आदि मौजूद रहे।
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