कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने उत्तराखण्ड राज्य के बजट पर किया चर्चा

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कैबिनेट मंत्री

देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य के बजट सम्बन्धी प्रस्ताव पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने आन लाईन वीडियो काॅॅफे्रसिंग के माध्यम से चर्चा किया। भारत सरकार द्वारा आयोजित बैठक में विभिन्न राज्यों को अपने बजट सम्बन्धी आवश्यकताओं को समाने लाना था। इस सम्बन्ध में केन्द्रीय बजट निर्माण पूर्व आयोजित बैठक में उत्तराखण्ड के प्रतिनिधि के रूप में कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री श्री अनुराग ठाकुर को उत्तराखण्ड राज्य के लिए आवश्यक प्रस्ताव की जानकारी दी।

गणतंत्र दिवस पर होगी विभिन्न योजनाओं की घोषणा

आयुष विभाग के अन्तर्गत, मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि

आन लाईन बैठक में उत्तराखण्ड राज्य के विकास हेतु आयुष, ग्रीन बोनस, सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आवास योजना.ग्रामीण, शहरी विकास, वन एवं पर्यावरण, पर्यटन, उघोग, महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना, समाज कल्याण विभाग से सम्बन्धित प्रस्ताव की विस्तार से जानकारी दी गई। आयुष विभाग के अन्तर्गत, मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के विशेष प्रयास से योग एक त्यौहार के रूप में दुनिया भर में मनाया जाता है। इसे आगे बढ़ाने के लिए देवभूमि उत्तराखण्ड की महान जनता की ओर से स्पेशल इकोनोमिक जोन की तर्ज पर एक नयी केन्द्र सहायतित योजना स्पेशल आयुष जोन, जो विशेषकर वैलनेस सेंटर, योग विश्वविद्यालय आध्यात्मिक केन्द्र और जड़ी बूटियों तथा हर्बल विनिर्माण इकाईयों के रोपण आदि को सम्मिलित करें तथा इस विशेष आयुष जोन को वही लाभ प्राप्त हो जो विशेष आर्थिक क्षेत्र को मिलते हैं।

राज्य का 71 प्रतिशत क्षेत्र वन एवं बुग्यालों व ग्लेशियरों के अन्तर्गत

ग्रीन बोनस के अन्तर्गत,उन्होने कहा कि राज्य का 71 प्रतिशत क्षेत्र वन एवं बुग्यालों व ग्लेशियरों के अन्तर्गत है। समग्र राष्ट्र हित में उसे संरक्षित रखने का महती दायित्व हम पर है। इस प्रकार विकास कार्यों हेतु केवल 29 प्रतिशत भूमि ही राज्य में उपलब्ध है। पर्यावरण के संरक्षण परिस्थितिकी सेवाओं, ईको.सिस्टम सर्विस के योगदान से हम राष्ट्र व विश्व के हित में कार्यरत हैं। ग्रीन एकाउंटिंग से सम्बन्धित एक अध्ययन के अनुसार राज्य के वनों से सम्बन्धित 21 इको सिस्टम सरर्विस मे के फ्लो बेनिफिट्स का मौद्रिक मूल्य प्रतिवर्ष रू0 95000 करोड़ आकलित है। जहां अन्य राज्यों ने अपनी विकास यात्रा में जंगलों को नष्ट करके औद्योगिक गतिविधियां बढ़ायी है। हम पर्यावरण सन्तुलन हेतु कम भूमि पर ही विकास गतिविधियां सीमित रखकर भारी कीमत अदा कर रहे है। उन्होंने देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए ग्रीन बोनस विषयक प्राविधानों की आगामी बजट में स्थान मिलने की आशा जतायी।

सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत कहा गया कि उत्तराखण्ड से दो देश नेपाल तथा चीन की अन्तराष्ट्रीय सीमाऐं लगी हुई हैं तथा इन क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कम हुआ है जिसके कारण यहां से लोगों का पलायन हो रहा है जो कि सुरक्षा की दृष्टि से अनुकूल नही है। अतः हिमालयी राज्य हेतु सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा दिये जाने वाले आवंटन को बढ़ाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री आवास योजना.ग्रामीण के अन्तर्गत कहा गया कि दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र होने के कारण निर्माण सामग्री को आवास निर्माण स्थल तक पहुँचाने में ढुलान आदि व्यय अत्याधिक होने के कारण हिमालयी पर्वतीय राज्यों हेतु प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत आवास निर्माण हेतु प्रति लाभार्थी रू0 1.30 लाख को बढ़ाकर प्रति लाभार्थी रू0 2.00 लाख की सहायता राशि का प्रावधान करने का अनुरोध किया।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत कहा गया कि

वर्तमान में योजना के दिशा.निर्देशों के अनुसार पर्वतीय राज्यों में 250 से अधिक आबादी की पात्र बसावटों को ही संयोजित किये जाने का लक्ष्य है जबकि पर्वतीय राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जनसंख्या के विरल घनत्व को दृष्टिगत रखते हुए योजनान्तर्गत 250 के स्थान पर 150 किये जाने निवेदन किया।

शहरी विकास के अन्तर्गत म्ंत्री ने आभार जताते हुए कहा कि सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट प्लांट हेतु वायबिलटी गैप फंडिग के अन्तर्गत 35 प्रतिशत धनराशि दी जा रही है राज्य की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति व विरल जनसंख्या घनत्व के आलोक में यह सहायता पर्याप्त नही है अतः इस महात्वपूर्ण योजना से समूचित रूप से लाभान्वित होने के लिए 35 प्रतिशत की सहायता राशि को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाने तथा अन्य महत्वपूर्ण योजना के अन्तर्गत स्वरोजगार हेतु दिये जाने वाले ऋण की धनराशि को 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख किया जाना निवेदन किया।वन एवं पर्यावरण के अन्तर्गत कहा कि उत्तराखण्ड में मानव वन्यजीव संषर्घ प्रकरणों में मानव मृत्य, घायल पशु क्षति, फसल क्षति, एवं मकान क्षति के प्रकरणों के निस्तारण हेतु पीड़ितों को दिये जाने वाले मुआवजे की धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय योजनाओं के रूप में प्रदान करने के प्राविधान है।

पर्यटन विभाग के अन्तर्गत उन्होने कहा कि गर्मी के दौरान पहाड़ी राज्यों में पर्यटकों की भारी आवाजाही होती है इससे लंबे ट्रैफिक जाम और भारी प्रदूषण का खतरा पैदा होता है। इस स्थिति में रोपवे एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। उन्होंनें भारत सरकार से रोपवे सैक्टर में गौरी कुण्ड से केदारनाथ नैनीताल रोपवे, गोविन्दघाट से हेमकुण्ड के लिए एक अलग केन्द्र सहायतित योजना शुरू करने के लिए निवेदन किया।

स्माॅल बिजनेस के लिए वेंचर फंड की स्थपना हेतु धनराशि की आवश्यकता

उद्योग विभाग के अन्तर्गत उन्होने बताया कि उत्तराखण्ड जैसे राज्य में जहाँ भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम एवं अतिदुर्गम क्षेत्र विद्यमान है, वहाँ रोजगार के अवसरों की कमी के दृष्टिगत राज्य को पलायन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अतः रोजगार तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रयास किये जाये। प्रायः छोटे उद्यम के लिए वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था करने में भी समस्या होती है। स्माॅल बिजनेस के लिए वेंचर फंड की स्थपना हेतु धनराशि की आवश्यकता है। छोटे उद्यमी को मेंटरिंग तथा हेण्ड होडिंग स्पोर्ट के लिए रूरल बिजनेस इक्यूबेटर की स्थापना की जानी है। इस प्रकार के इंक्यूबेटर जिला मुख्यालयों पर स्थापित करने से स्माल बिजनेस को महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हो सकेगा। इंक्यूबेटर के लिए भारत सरकार द्वारा वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने से प्रदेश की आर्थिकी को विशेष बल मिलेगा।

ग्राम्य विकास में, महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के सम्बन्ध में बताया गया कि पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण उत्तराखण्ड में सामग्री ढुलान अत्यन्त मंहगा होता हैए जिससे दूरस्थ क्षेत्रों मे पहुँचने पर सामग्री की वास्तविक लागत में काफी बढ़ोत्तरी हो जाती है। इस कारण मनरेगा कार्यक्रम के अन्तर्गत टिकाऊ प्रवृत्ति के कार्य कराने में कठिनाई होती है। अतः पर्वतीय राज्यों हेतु श्रम सामग्री अनुपात 60ः40 के बजाय 50ः50 किया जाना गुणवत्तापूर्ण स्थायी परिसम्पत्तियों के निर्माण में सहायक सिद्ध होगा।

समाज कल्याण के अन्तर्गत उन्होने बताया कि

भारत सरकार द्वारा वर्तमान में वृद्धावस्था पेंशन प्रति लाभार्थी रू0 200 की दर से दिया जा रहा हैए जिसको बढ़ाकर अधिकतम रू0 1000 करने की जरूरत है।यह भी कहा गया कि उत्तराखण्ड राज्य को 38वें राष्ट्रीय खेल आयोजन का अवसर मिलने तथा वर्ष 2021 में आयोजित किये जाने के सम्बध में कहा कि राष्ट्रीय खेलों में 38वें संस्करण के 39 खेल विधाओं में खेल प्रतियोगितायें आयोजित की जायेंगी। अतः राष्ट्रीय खेलों को राज्य में सफलतापूर्वक आयोजित किये जाने एवं अवस्थापना विकास हेतु समुचित वित्तीय सहायता की मांग की।

आन लाईन वीडियो क्रांफे्रसिंग बैठक में सचिव वित्त श्री वी षणमुगम एवं बजट अधिकारी श्री मनीष उप्रेती उपस्थित रहे।

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