वाशिंगटन। बुधवार को कैपिटल में हिंसा भड़काने में भूमिका के लिए डेमोक्रेट्स अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए वोट देंगे। हाउस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने इसकी पुष्टि की है। डेमोक्रेट्स को लिखे पत्र में पेंस ने कहा कि अमेरिकी संविधान और लोकतंत्र की रक्षा में हम तत्परता से काम करेंगे। उन्होंने आगे लिखा है कि ट्रंप का यह कृत्य अमेरिकी संविधान और लोकतंत्र दोनों के लिए एक आसन्न खतरे का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि इस पर कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बुधवार की हिंसा में यह प्रमाणित हो चुका है कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को चुनाव परिणामों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि कांग्रेस नवंबर के वोट में बिडेन की जीत को प्रमाणित कर रही थी। महाभियोग की इस प्रक्रिया को लेकर निश्चित रूप से उनकी रिपब्लिकन पार्टी सांसत में होगी।
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ट्रंप के खिलाफ आरोपों का मसौदा तैयार
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की जमीन तैयार हो गई है। ट्रंप के खिलाफ आरोपों का मसौदा तैयार हो चुका है। इस मसौदे पर 190 डेमोक्रेट सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के किसी सांसद ने अभी तक इसका समर्थन नहीं किया है। महाभियोग संबंधी प्रस्ताव सोमवार को संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में पेश किया जा सकता है। इस सदन में डेमोक्रेट बहुमत में हैं। प्रतिनिधि सभा के सदस्य टेड लियू ने ट्वीट के जरिये बताया कि सदन में पार्टी के सदस्य सोमवार को महाभियोग संबंधी प्रस्ताव पेश करेंगे। इस संबंध में तैयार किए गए मसौदे पर शनिवार रात तक 190 डेमोक्रेट सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए थे। इस पर अभी तक किसी रिपब्लिकन ने हस्ताक्षर नहीं किया है।
महाभियोग को लेकर सांसत में रिपब्लिकन पार्टी
डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा चलाए जा रहे महाभियोग को लेकर रिपब्लिकन पार्टी सांसत में है। कुछ रिपब्लिकन नेता कैपिटल हिंसा को लेकर ट्रंप से सख्त खिलाफ हैं। रिपब्लिकन पार्टी के शीर्ष सीनेटर पैट टूमी ने संसद पर ट्रंप समर्थकों के हमले की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ट्रंप ने महाभियोग चलाने योग्य अपराध किया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि अगर सीनेट में प्रस्ताव आता है तो वह ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए मतदान करेंगे या नहीं।
उधर, उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने यह संकेत दिया है कि वह देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और नव-निर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के 20 जनवरी को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। इससे यह साफ है कि वह इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप के साथ नहीं है। बता दें कि ट्रंप ने 20 जनवरी के कार्यक्रम में जाने से इनकार कर दिया था।