Sri Lanka Crisis: PM रानिल विक्रमसिंघे ने बुलाई आपात बैठक

0
103

कोलंबो। Sri Lanka Crisis:  अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की हालत (Sri Lanka Crisis) अब और भी ज्यादा खराब हो गई है। शनिवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के कोलंबो स्थित आवास पर कब्जा कर लिया। गोटाबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति भवन छोड़कर भागना पड़ा। इस बीच, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने हालिया स्थिति पर चर्चा करने के लिए राजनीतिक दल के नेताओं के साथ एक आपात बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार विक्रमसिंघे ने संकट का समाधान खोजने के प्रयास में अध्यक्ष से संसद सत्र को बुलाने का भी अनुरोध किया है। यह जानकारी समाचार एजेंसी आइएएनएस ने दी है।

‘Seed Bomb Campaign Week’ का CM ने किया शुभारंभ

SLPP पार्टी के 16 सांसदों ने एक पत्र में उनसे तुरंत इस्तीफा देने का अनुरोध

राष्ट्रपति राजपक्षे की श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (SLPP) पार्टी के 16 सांसदों ने एक पत्र में उनसे तुरंत इस्तीफा देने और एक ऐसे नेता के लिए रास्ता बनाने का अनुरोध किया है, जो देश का नेतृत्व करने के लिए संसद में बहुमत हासिल कर सके। इस पत्र में उन्होंने कहा कि राजपक्षे को भ्रष्टाचार के आरोपों के बिना एक परिपक्व नेता को देश पर शासन करने का मौका देना चाहिए।

शनिवार को हुए भारी बवाल के बीच गोटापक्षे ने कुछ भी घोषित नहीं किया है और उनके ठिकाने का पता नहीं चल पाया है। इंटरनेट मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 20 वीवीआइपी वाहनों में एक समूह हवाई अड्डे की ओर जा रहा था, जबकि एक अन्य समूह श्रीलंकाई नौसेना के दो जहाजों में रवाना हुआ है। हालांकि, उनमें से किसने राष्ट्रपति को छोड़ा है यह अभी स्पष्ट नहीं है।

धार्मिक नेताओं ने भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से तत्काल इस्तीफा देने और सत्ता के तेजी से पारित होने की अनुमति देने का आग्रह किया है। वकीलों ने इस बात पर जोर दिया है कि राष्ट्रपति राजपक्षे को खुद तय करना है कि उनके खिलाफ बढ़ते सार्वजनिक विरोध के बीच उन्हें क्या कार्रवाई करनी चाहिए।

राष्ट्र की राजनीतिक स्थिरता तुरंत हो सुरक्षित: बीएएसएल

देश के प्रमुख वकीलों ने प्रधानमंत्री, अध्यक्ष, कैबिनेट और सांसदों से भी आग्रह किया कि वे तुरंत सुनिश्चित करें कि राष्ट्र की राजनीतिक स्थिरता तुरंत सुरक्षित हो। बार एसोसिएशन आफ श्रीलंका (BASL)ने कहा कि हम पुलिस और सशस्त्र बलों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि विरोध में शामिल लोगों को और नुकसान न हो। वकीलों ने जनता से सार्वजनिक संपत्ति विशेष रूप से राष्ट्रपति भवन और सचिवालय की रक्षा करने का भी आग्रह किया और यह भी सुनिश्चित किया कि किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान न हो।

40 से अधिक प्रदर्शनकारियों को अस्पताल में कराया गया भर्ती

शनिवार को हिंसक झड़पें शुरू हो गईं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में राष्ट्रपति के आवास पर धावा बोल दिया। लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। 40 से अधिक प्रदर्शनकारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें तीन गंभीर रूप से घायल हैं।

Agniveer Bharti: अगस्त व सितंबर माह में उत्तराखंड में होंगी भर्तियां

LEAVE A REPLY