Emergency air strip: का गवाह बना राजस्थान

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जोधपुर। Emergency air strip:  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने राजस्थान के जालोर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर इमरजेंसी फील्ड लैंडिंग का उद्घाटन किया। भारत-पाक बार्डर पर बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा पर अगड़ावा में बन रही देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप का आज उद्घाटन हुआ। वहीं, राजनाथ सिंह ने कहा है कि आज का दिन ऐतिहासिक है अब सड़क पर भी विमान उतरेंगे। कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि यह देश की सबसे बेहतर एयर स्ट्रिप है। मंच से उन्होंने एयरफोर्स अधिकारियों को इसका प्रोजेक्ट बनाने की बात कहीं। साथ ही बताया कि इसे एयरफोर्स के साथ ही सिविल उपयोग में लिया जाएगा। उन्होंने आस-पास एयरपोर्ट की कमी को देखते हुए बोले कि 350 KM की रेंज में एयरपोर्ट बनाया जाएगा। उन्होंने दिल्ली से जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक हाइवे प्रोजेक्ट लाने की भी बात कही।

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पाकिस्तान बार्डर से सटी देश की यह पहली हवाई पट्टी

इससे पहले बुधवार को यहां रिहर्सल के तौर पर तीन फाइटर प्लेन उतारे गए। इसके लिए सुबह एयरफोर्स अधिकारियों की निगरानी में सुबह सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को उतारा गया। पाकिस्तान बार्डर से सटी देश की यह पहली हवाई पट्टी है।

भारतमाला परियोजना के तहत करीब 45 करोड़ की लागत से 3 किलोमीटर लंबी एयरस्ट्रिप तैयार

वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमने भारतमाला परियोजना के तहत करीब 45 करोड़ की लागत से 3 किलोमीटर लंबी एयरस्ट्रिप तैयार की है। इसकी क्वालिटी बहुत अच्छी है। इसका उपयोग भारतीय वायुसेना की आपातकालीन लैंडिंग के लिए होगा। मालूम हो कि एयरपोर्ट के अलावा पहली बार देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी किसी हवाई पट्टी पर उतरें। रक्षा व ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के करीब 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस एयर स्ट्रिप का उद्घाटन किया।

32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस हवाई पट्टी

जानकारी के अनुसार भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बाड़मेर-जालोर की सीमा पर देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप तैयार की गई है। यह एयर स्ट्रिप पाकिस्तान बार्डर से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर है। बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा अगड़ावा में बनी इमरजेंसी हवाई पट्टी वायुसेना के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए बनाई गई है। 32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस हवाई पट्टी की 3 किमी. लंबाई और 33 मीटर चौड़ाई है। हवाई पट्टी के दोनों सिरों पर 40 गुणा 180 मीटर आकार की दो पार्किंग भी बनाई गई है, ताकि लैंडिंग के बाद विमानों को पार्क किया जा सके।

इसके अलावा 25 गुणा 65 मीटर आकार की एटीसी प्लिंथ का डबल मंजिला एटीसी केबिन के साथ निर्माण किया गया है, इमरजेंसी हवाई पट्टी के पास 3.5 किमी. लंबी और 7 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनाई गई है। इस पर 33 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

सुखोई एसयू-30, मिग और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान तेज गर्जना के साथ आपातकालीन हवाई पट्टी पर लैंडिंग की । बाड़मेर के गांधव (बाखासर) में भारत माला हाईवे NH-925A पर बनी आपातकालीन हवाई पट्टी 3000 मीटर (3 किमी.) लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। इस हवाई पट्टी को बनाने में 32.95 करोड़ रुपए लागत आई है। भारत-पाक बार्डर से महज 40 किमी. दूरी पर यह हवाई पट्टी बनाई गई है।

दुनिया के कई देशों में बनी है इस तरह की हवाई पट्टी

जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और आंध्रप्रदेश में भी इस तरह की हवाई पट्टी बनाई जा रही है। हवाई पट्टी के पास 3:5 किलोमीटर लंबी और 7 मीटर चोड़ी सर्विस लेन भी बनाई गई है। इस हवाई पट्टी का उपयोग युद्ध अथवा किसी आपातस्थिति में ही किया जा सकेगा।

अधिकारियों के अनुसार सिंगापुर, फिनलैंड, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और ताइवान सहित कई देशों में राजमार्गों और एक्सप्रेस वे पर आपातस्थिति में विमानों को उतारने व उड़ान भरने के लिए इस तरह की हवाई पट्टी बनी हुई है।

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