Mother Language Day 2022: जानें भाषा के जीवन से जुड़े तार और योगदान

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नई दिल्ली। Mother Language Day 2022:  मानव जीवन में भाषा की एक अहम भूमिका है। भाषा के माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के विचारों का आदान-प्रदान करता है। दुनिया भर में कईयों देशों, राज्यों, कस्बों व इलाकों में भिन्न-भिन्न भाषाएं बोली जाती हैं। कहीं पर किसी की धार्मिक भाषा शैली अलग है, तो कहीं पर बोलचाल का लहजा। लेकिन बावजूद इसके हर भाषाएं लोगों से संवाद स्थापित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। भाषा वह डोर है, जो सबको एक दूसरे से बांधे हुए हैं। इसी डोर की मजबूती बढ़ाने के लिए हर साल आज के दिन अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (Mother Language Day 2022) मनाया जाता है।

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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (Mother Language Day 2022) हर साल 21 फरवरी को मनाया जाता है। ‌इसकी शुरुआत यूनेक्को की ओर से 17 नवंबर 1999 को की गई थी, जो पहली बार वर्ष 2000 में आज के दिन अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रुप में मनाया गया था। दुनिया भर में यह दिन लोगों के भीतर भाषाओं के प्रति लगाव, संरक्षण और बचाव को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

भाषाओं में झलकती है संस्कृति और सभ्यता

दुनिया भर की भिन्न-भिन्न जातियों, धर्मों, संप्रदायों और अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं। इन्हीं विभिन्नताओं की तह में एक ऐसी एकता और समता फैली हुई है, जो सबको एक साथ जोड़ती है। भाषा वह आईना है, जिसमें व्यक्ति की संस्कृति और सभ्यता झलकती है। विभिन्न भाषाओं के सांस्कृतिक विविधता और महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है, जिससे ना सिर्फ लोगों के मन में अपनी व दूसरों की भाषाओं के प्रति लगाव पैदा हो बल्कि उन्हें अलग-अलग मातृभाषाओं के बारे में जानकारी भी हो।‌ विभिन्न भाषाएं विभिन्न संस्कृतियों को आपस में जोड़ती हैं। जिससे संवाद स्थापित करने वाले के व्यक्तित्व का विकास होता है।

मातृभाषा 2022 थीम: बहुतभाषी शिक्षा के लिए प्रोद्यौगिकी का उपयोग

हर साल की तरह इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने के लिए एक थीम रखी गई है, ‘बहुभाषी शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग: चुनौतियां और अवसर’ हमारे बचपन का परिवेश ही हमारी भाषाओं को निर्धारित कर देता है। हम जहां पलते-बढ़ते हैं, वही हमारी मातृभाषा बन जाती है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 6000 भाषाएं बोली जाती हैं, जिनमें से लगभग 2680 भाषाएं यानी कि 43 फीसद खत्म होने की कगार पर हैं। आधुनिक जमाने में डिजिटल दुनिया का मानव जीवन में प्रवेश तेजी से बढ़ा है, जिसके कारण सांस्कृतिक और पुरानी भाषाएं तीव्रता से विलुप्त होती जा रही हैं। आपको बता दें कि हर महीने दुनिया भर से लगभग 2 भाषाएं गायब होती जा रही हैं। सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2022 की थीम ‘बहुभाषी शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग: चुनौतियां और अवसर’ पर रखी गई है।

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