हरिद्वार/देहरादून। Hockey player Vandana Kataria: हैट्रिक गर्ल वंदना कटारिया के स्वागत के लिए ढोल-नगाड़ों के साथ ही नोटों की माला भी तैयार थी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उनके स्वजन, खेल प्रेमी और राजनीतिक हस्तियां उनका बेसब्री से इंतजार कर रही थे। जैसे ही वंदना एयरपोर्ट से बाहर निकलीं उनको देखने के लिए खेल प्रेमियों का हुजूम उमड़ पड़ा। ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच वंदना अपनों के गले लगी और फिर उन्होंने सभी का अभिनंदन किया। वहीं, दूसरी ओर घर पहुंचते ही मां के गले लग वंदना फफक-फफक कर रो पड़ी और कहा कि मेरी हर असफलता पर मेरी हिम्मत बढ़ा कर मुझे सफलता के लिए दोगुने जोश, मेहनत और उत्साह से तैयारी करने की हौंसला देने वाला चला गया। उन्हें इस तरह मां के गले लग पिता की याद में रोता देख वहां मौजूद हर आंख नम हो गयी और माहौल कुछ देर को गमगीन हो गया।
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ढोल-नगाड़ों से Hockey player Vandana Kataria का स्वागत किया
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर वंदना के समर्थन में स्वजनों, राजनेताओं और खेल प्रेमियों के साथ ही सैकड़ों की तादाद में लोग पहुंचे। ढोल-नगाड़ों से उनका स्वागत किया गया। वंदना के फ्लाइट से उतरने के बाहर आते ही खेल प्रेमियों ने उनका वार्म वेलकम किया। वंदना ने अपने स्वजनों, राजनेताओं और खेल प्रेमियों का अभिनंदन स्वीकार किया। वंदना के आते ही एयरपोर्ट का माहौल काफी खुशनुमा हो गया। उनके आते ही सभी की आंखें चमक उठी और वे देश की बेटी का भव्य स्वागत किया।
हरिद्वार पहुंचने तक देश की बेटी वंदना कटारिया का जगह-जगह स्वागत
जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर हरिद्वार पहुंचने तक देश की बेटी वंदना कटारिया का जगह-जगह स्वागत हुआ। ये देखकर वंदना भी अभिभूत हुई और उन्होंने कहा कि मुझे अपने देश और देशवासियों पर बेहद गर्व है। आगे वो और बेहतर करने की कोशिश करेंगे। वंदना के वेलकम के लिए झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल और भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष समेत अन्य राजनीतिक लोग भी जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे थे।
वंदना की बड़ी बहन रचना उनके स्वागत के लिए नोटों की माला लेकर एयरपोर्ट पहुंची
वंदना की बड़ी बहन रचना उनके स्वागत के लिए नोटों की माला लेकर एयरपोर्ट पहुंची थी, जैसे ही वंदना बाहर आईं बहन के गले लग गई। ये बेहद ही भावुक पल था। दोनों की आंखें नम हो गईं। कुछ खेल प्रेमी भी इस पल पर खुद को रोक नहीं पाएं और उनकी आंखों से भी खुशी के आंसू छलक उठे। वे बस वंदना को एकटक निहारे जा रहे थे। उन्हें उत्तराखंड की बेटी के शानदार प्रदर्शन पर बेहद गर्व महसूस हो रहा था।
पिता को याद करते हुए वो मां के गले लग रो उठी
वंदना स्वागत समारोह के बाद जैसे ही घर पहुंची तो उसके आंसू छलक पड़े। पिता को याद करते हुए वो मां के गले लग रो उठी। पिता के निधन के बाद वह पहली बार अपनी मां से मिल रही थी। इस दौरान वंदना की मां ने हिम्मत बांधे रखी और बेटी के मन के गुबार को निकलने दिया। बाद में भावुक हुई वंदना को उसकी मां सोरण देवी और भाइयों ने ढांढस बंधाया और चुप कराया।
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