Govt Employee : केंद्रीय कर्मियों को सरकारी मकान के लिए जेब करनी होगी ढीली

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Govt Employee : केंद्र सरकार के कर्मियों और अधिकारियों को जीपीआरए (सामान्य पूल आवासीय आवास) के तहत मिलने वाले सरकारी मकानों के लिए जेब ढीली करनी होगी। महंगाई का दौर है तो केंद्र सरकार ने भी अपने फ्लैट रेट रिवाइज कर दिए हैं। नए रेट एक जुलाई से लागू किए गए हैं। इससे पहले 2020 में सामान्य पूल आवासीय आवास के तहत आवंटित मकानों का किराया बढ़ाया गया था। रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले आवास और रेलवे क्वार्टर, रिवाइज रेट सूची में शामिल नहीं हैं। वजह, इन दोनों विभागों के पास खुद के आवास हैं, इसलिए इनके कार्मिकों पर ‘सामान्य पूल आवासीय आवास’ के रिवाइज रेटों का असर नहीं पड़ता। देश के दर्जनों शहरों में केंद्रीय कर्मियों के लिए जीपीआरए के तहत आवास आवंटित किए जाते हैं।

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एक जुलाई 2023 से लागू किराया सूची (Govt Employee)

टाइप 1 के तहत 30 वर्ग मीटर जगह वाले मकान का किराया अब 210 रुपये प्रतिमाह हो गया है।
टाइप 2 के तहत 26.5 वर्ग मीटर क्षेत्र वाला मकान अब 440 रुपये प्रतिमाह में मिलेगा।
टाइप 3 के अंतर्गत 44 से 65 वर्ग मीटर वाले मकान के लिए 660 रुपये देने होंगे।
टाइप 4 के तहत 59/91.5 वर्ग मीटर वाले मकान का किराया 880 रुपये होगा।
टाइप 4 ‘स्पेशल’ 59/91.5 वर्ग मीटर वाले मकान का किराया 930 रुपये होगा।
टाइप 5 ‘ए’ 106 वर्ग मीटर तक वाले मकान का किराया 1650 रुपये प्रतिमाह देना पड़ेगा।
टाइप 5 ‘बी’ 106 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र वाले मकान का किराया 1750 रुपये होगा।
टाइप 6 ‘ए’ के तहत 159.5 वर्ग मीटर तक के क्षेत्र वाले मकान का किराया 2170 रुपये देना होगा।
टाइप 6 ‘बी’ के तहत 159.5 वर्ग मीटर से अधिक वाले मकान का किराया 2590 रुपये प्रतिमाह देना पड़ेगा।
टाइप 7 के तहत 189.5 से 224.5 वर्ग मीटर तक के क्षेत्र वाले मकान का किराया 3040 रुपये प्रतिमाह देना होगा।
टाइप 8 के तहत 243 से 522 वर्ग मीटर के क्षेत्र वाले मकान का किराया 5430 रुपये कर दिया गया है।

इसके अलावा कोई अधिकारी सर्वेंट क्वार्टर लेता है, तो उसके लिए 90 रुपये प्रतिमाह चुकाने होंगे। इसी तरह गैराज के लिए 60 रुपये प्रतिमाह देने पड़ेंगे। केंद्र सरकार के होस्टल के रेटों में भी बदलाव किया गया है। यदि 21.5 से 30 वर्ग मीटर का एक कमरा, जिसके साथ किचन नहीं है तो उसके लिए 550 रुपये प्रतिमाह देने पड़ेंगे। अगर 30.5 से 39.5 वर्ग मीटर वाले क्षेत्र का कमरा, किचन के साथ लिया जाता है तो उसके लिए 780 रुपये प्रतिमाह चुकाने होंगे। डबल रूम, 47.5 से 60 वर्ग मीटर के लिए 1070 रुपये देने पड़ेंगे।

साल 2020 में पहली जुलाई से लागू किराया सूची (Govt Employee)

टाइप 1 के तहत 30 वर्ग मीटर की जगह वाले मकान का किराया 180 रुपये प्रतिमाह था।
टाइप 2 के तहत 26.5 वर्ग मीटर क्षेत्र वाला मकान 370 रुपये प्रतिमाह में मिलता था।
टाइप 3 के अंतर्गत 44 से 65 वर्ग मीटर वाले मकान के लिए 560 रुपये देने पड़ते हैं।
टाइप 4 के तहत 59/91.5 वर्ग मीटर वाले मकान का किराया 750 रुपये तय किया गया था।
टाइप 4 ‘स्पेशल’ 59/91.5 वर्ग मीटर वाले मकान का किराया 790 रुपये रखा गया।
टाइप 5 ‘ए’ 106 वर्ग मीटर तक वाले मकान का किराया 1400 रुपये प्रतिमाह देना पड़ता है।
टाइप 5 ‘बी’ 106 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र वाले मकान का किराया 1490 रुपये तय किया गया था।
टाइप 6 ‘ए’ के तहत 159.5 वर्ग मीटर तक के क्षेत्र वाले मकान का किराया 1840 रुपये देने पड़ते हैं।
टाइप 6 ‘बी’ के तहत 159.5 वर्ग मीटर से अधिक वाले मकान का किराया 2200 रुपये प्रतिमाह तय किया गया।
टाइप 7 के तहत 189.5 से 224.5 वर्ग मीटर तक के क्षेत्र वाले मकान का किराया 2580 रुपये प्रतिमाह देना पड़ता है।
टाइप 8 के तहत 243 से 522 वर्ग मीटर के क्षेत्र वाले मकान का किराया 4640 रुपये कर दिया गया था।

इसके अलावा सर्वेंट क्वार्टर के लिए 80 रुपये प्रतिमाह और गैराज के लिए 50 रुपये प्रतिमाह देने पड़ते थे। केंद्र सरकार के होस्टल के रेटों में हुए बदलाव के तहत 21.5 से 30 वर्ग मीटर का एक कमरा, जिसके साथ किचन नहीं है तो उसके लिए 470 रुपये प्रतिमाह देने पड़ते थे। अगर 30.5 से 39.5 वर्ग मीटर वाले क्षेत्र का कमरा, किचन के साथ लिया जाता तो उसके लिए 660 रुपये प्रतिमाह चुकाने पड़ते थे। डबल रूम, 47.5 से 60 वर्ग मीटर के लिए 910 रुपये किराया निर्धारित किया गया।

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