नई दिल्ली: टूलकिट मामले में क्लाइमेट ऐक्टिविस्ट दिशा रवि की पुलिस कस्टडी की मियाद शुक्रवार को खत्म हो गई। उन्हें आज दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। दिल्ली कोर्ट ने दिशा को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दरअसल, पुलिस ने कोर्ट को बताया कि वह शांतनु और निकिता के सामने दिशा से पूछताछ करना चाहती है।
श्रीनगर के भगत बरजुल्ला में आतंकी हमला
पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली पुलिस के वकील इरफान अहमद ने तीन दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अहमद ने कहा कि पुलिस कस्टडी में पूछताछ के दौरान दिशा सवालों के जवाब देने में आनाकानी करती रही हैं।
22 फरवरी को जांच में शामिल होंगे
दिशा रवि जवाब देने में आनाकानी कर रही है। हमने सह-आरोपी शांतनु को नोटिस दिया है, जो 22 फरवरी को जांच में शामिल होंगे। उसका सह-अभियुक्त के साथ आमना-सामना करवाया जाएगा। पूछताछ के दौरान, दिशा रवि ने निकिता और शांतनु पर दोष मढ़ दिया है। सभी आरोपियों को एक-दूसरे के साथ आमना-सामना करवाने की आवश्यकता है। इसीलिए तीन दिन की न्यायिक हिरासत मांगी जा रही है।
– लोक अभियोजक इरफान अहमद, कोर्ट में
अहमद ने अदालत को बताया कि
दिल्ली पुलिस ने शांतनु को नोटिस जारी किया है। दिशा ने सारा ठीकरा मामले में सह-आरोपियों शांतनु और निकिता जैकब पर फोड़ा है इसलिए हम उन्हें आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करना चाहते हैं। पुलिस ने शांतनु से 22 फरवरी को उसके सामने पेश होने को कहा है।
‘पुलिस कर सकती है केस डायरी से छेड़छाड़’
दिशा रवि के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने केस डायरी पेश करने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस की तरफ से कई दावे किए जा रहे हैं। अग्रवाल ने केस डायरी से छेड़छाड़ की आशंका भी जताई। एडवोकेट अभिनव सेखरी ने लीगल इंटरव्यू की मांग की जिसके बाद अदालत ने उन्हें लॉकअप में दिशा रवि से मिलने की इजाजत दे दी।
अदालत को बताया गया कि
दिशा रवि ने जमानत की अर्जी दी है, जो 20 फरवरी को सुनवाई के लिए आएगी। 21 वर्षीय कार्यकर्ता को उसकी पांच दिन की पुलिस हिरासत के अंत में कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया था।
सोशल मीडिया पर ‘टूलकिट’ साझा करने और एडिट करने के आरोप
किसानों के विरोध से संबंधित सोशल मीडिया पर ‘टूलकिट’ साझा करने और एडिट करने के आरोप में दिशा रवि को 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। फिर उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। दिल्ली पुलिस ने प्रो-खालिस्तानी ग्रुप (पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन) और उसके सक्रिय सदस्यों की पहचान करने और हटाए गए व्हाट्सएप ग्रुप को फिर से प्राप्त करने के लिए हिरासत की मांग की थी।
लीक जांच सामग्री पर बोला कोर्ट
इससे पहले आज दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि टूलकिट मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के बारे में मीडिया में आई कुछ खबरें ‘सनसनीखेज और पूर्वाग्रह से ग्रसित रिपोर्टिंग’ की ओर संकेत करती हैं। अदालत ने इस तरह की सामग्री को इस चरण में हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया लेकिन मीडिया प्रतिष्ठानों से कहा कि लीक हुई जांच सामग्री प्रसारित नहीं की जाए।