Joshimath Demolition : जोशीमठ में लोगों का जबरदस्त प्रदर्शन

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Joshimath Demolition

Joshimath Demolition : जोशीमठ इस समय में बड़े संकट का सामना कर रहा है। भू-धंसाव से लगातार घरों में दरारें पड़ रही है। इस बीच जोशमीठ में प्रशासन के साथ स्थानीय लोगों की मुआवजे को लेकर चल रही बैठक में बात नहीं बनी। प्रशासन की ओर से प्रभावितों परिवारों को डेढ़ लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की बात कही गई, लेकिन प्रभावितों ने इससे इनकार कर दिया।

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कम मुआवजे को लेकर बढ़ा लोगों में आक्रोश

723 परिवारों को दिया मुआवजा जाएगा। सिर्फ दो होटल ही ढहाए जाएंगे। किसी अन्य भवन पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं होगी। दो होटलों के पास रहने वाले पांच परिवारों पर सबसे अधिक असर पड़ने की आशंका है। वहीं मलारी इन और माउंट व्यू होटल के बाहर व्यापारियों को धरना-प्रदर्शन जारी है। लोगों में सरकार द्वारा तय कम मुआवजे को लेकर आक्रोश है। प्रभावितों ने आरोप लगाया कि सरकार राहत के नाम पर दर्द दे रही है।

कुछ व्यापारियों ने की सेटलमेंट की बात

प्रति परिवार डेढ़ लाख रुपये मुआवजे (Joshimath Demolition) देगी सरकार लेकिन प्रभावित इसके लिए नहीं तैयार। मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के साथ एक घंटे तक चली बैठक में व्यापारियों और प्रभावितों ने रखी अपनी बात। नुकसान के आकलन के अनुसार वास्तविक क्षति की पूर्ति के बराबर राशि दरकार। कुछ व्यापारियों ने की सेटलमेंट की बात।

धरने पर बैठे प्रभावित (Joshimath Demolition)

प्रशासन के साथ बैठक में मुआवजे को लेकर बात नहीं बनने के बाद प्रभावित धरने पर बैठ गए। लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। अभी तक सिर्फ दो होटल के डिस्मेंटल का आदेश जारी किया गया है। जबिक अन्य भवनों को नहीं तोड़ा जाएगा।

जिद पर अड़े होटल मालिक

जोशीमठ मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के साथ बैठक हुई। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ की तर्ज़ पर मुआवजा नहीं मिलेगा, लेकिन मार्केट रेट पर होगा। हमने बोला कि मार्केट रेट बता दें लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं बता सकते तो हमने कहा कि हम भी नहीं उठेंगे।

केंद्र से राहत पैकेज के लिए जांच रिपोर्ट का इंतजार

भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ से अलग-अलग जांच दलों की रिपोर्ट आ जाने के बाद ही राज्य सरकार केंद्र को राहत पैकेज का प्रस्ताव भेजेगी। तब तक सरकार रिपोर्ट आने का इंतजार करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों से अनुरोध किया गया है ताकि जल्द से जल्द भू धंसाव के कारण पता चल सकें।

चार सदस्यीय टीम भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र जाएगी (Joshimath Crisis)

एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) उत्तराखंड की चार सदस्यीय टीम भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ का अध्ययन करने जाएगी। टीम जोशीमठ में जमीन धंसने के कारणों को ढूंढने के साथ ही समाधान के तरीके ढूंढेगी।
सरकार के निर्देश पर विभिन्न संस्थाओं की टीम जोशीमठ का सर्वेक्षण कर रही है। वहीं, एनआईटी उत्तराखंड अपने स्तर पर चार इंजीनियरों को जोशीमठ भेज रही है। टीम बुधवार को जोशीमठ के लिए रवाना होगी। टीम का नेतृत्व सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. क्रांति जैन कर रहे हैं। उनके साथ ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग के डॉ. आदित्य कुमार अनुपम और जियोटेक्नीक इंजीनियरिंग के डॉ. विकास प्रताप सिंह व डॉ. शशांक बत्रा शामिल हैं।

723 परिवारों को डेढ़ लाख मुआवजा

प्रभावित 723 परिवारों को डेढ़ लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह अंतरिम सहायता के रूप मे प्रत्येक परिवार को दिया जाएगा। इसके अलावा दो होटल को ही डिसमेंटल किया जाएगा। ऐसे में अब अन्य मकानों को नहीं ढहाया जाएगा। प्रशासन के साथ बैठक का दौर जारी है।

कैबिनेट सचिव ने की समीक्षा, दिए निर्देश

जोशीमठ भू-धंसाव और वहां अभी तक के हालात की कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने समीक्षा की। राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनएमसी) की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु से राहत एवं बचाव के लिए चल रहे कार्यों का ब्योरा लिया। उन्होंने प्रभावित जगहों से लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए।

होटलों को तत्काल ध्वस्त करने का निर्णय

आपदा अधिनियम के तहत जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए होटलों को तत्काल ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो आसपास के आवासीय भवनों और हाईवे को क्षति पहुंच सकती है। साथ ही बिजली और पेयजल की लाइनों को भी नुकसान पहुंच सकता है। – हिमांशु खुराना, जिलाधिकारी, चमोली

मार्केट रेट से अधिक नहीं देंगे मुआवजा: मिनाक्षी सुंदरम

व्यापारियों और स्थानीय लोगों के साथ प्रशासन की बैठक जारी है। मुआवजे को लेकर तकरार चल रही है। इस बीच सचिव मुख्यमंत्री मिनाक्षी सुंदरम ने कहा कि व्यापारी भरोसा रखें। पूरा प्रदेश है और सबको देखना है।

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